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गांवों में घुसा राप्ती और कुआनो का पानी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, सिद्धार्थनगर। राप्ती और कुआनो का बढ़ता जलस्तर दर्जनों ग्राम पंचायतों में बाढ़ के खतरे की घंटी बजा रहा है। यहां बाढ़ की विभीषिका से उबारने का कोई मुकम्मल इंतजाम नहीं है।

राप्ती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यह नदी बलरामपुर जिले में तबाही मचाने के बाद तहसील क्षेत्र के वीरपुकोहल, वीरपुर एहतमाली, भरवठिया, पिकौरा, असनहरा, नेबुआ और बुढि़या टायर पर कहर बरपा रही है। उक्त गांव के कृषि योग्य भूमि पर राप्ती का पानी बह रहा है। जिन्होंने रोपाई की थी, उनकी धान की फसल बर्बाद हो गई। चंद्रदीप घाट पुल के पास नदी तेजी से सड़क काट रही है। अगर यह मार्ग कट गया तो आवागमन का न सिर्फ माध्यम छिन जाएगा, बल्कि और ग्राम पंचायतें भी तबाही के दायरे में पहुंचेगी। 

हैरानी की बात है कि चंद्रदीप घाट का अप्रोच कटने से बचाने के लिए सिचाई विभाग ने कुछ मिट्टी की बोरियां डाली हैं। ठीक ऐसी ही तबाही मचाने को कुआनो आतुर है। नदी के बढ़े जलस्तर के चलते विधायक निधि से नदी तट पर 23.87 लाख की लागत से बन रहा मुक्तिधाम डूब गया है। नदी का पानी कोनार, शादीजोत, बायताल, जंगलीपुर, धौरहरा सहित अन्य गांव के सिवानों में भर रहा है। गांव टापू बनते जा रहे हैं। रोपाई का कहीं अता पता नहीं है और किसान अपनी किस्मत को कोस रहे हैं।

डुमरियागंज तहसील के एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि प्रशासन नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर बनाए हुए है। कुआनो का पानी कुछ ग्राम पंचायतों से निकालने का प्रबंध हुआ है। अन्य के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। सिचाई विभाग ने अगर रेत की बोरियों की जगह मिट्टी डाली है तो इसकी जांच की जाएगी।

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