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दरोगा-सिपाहियों से मारपीट में हटीं गंभीर धाराएं, भाजपा नेता और भतीजे को जमानत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में शुक्रवार की रात दरोगा और सिपाहियों से मारपीट करने के मामले में गिरफ्तार भाजपा नेता और उनके भतीजे को जमानत मिल गई है। पुलिस ने अदालत में पेश करने से पहले ही दोनों पर लगाई गई कई धाराएं हटा ली थीं। डीएम ने सीओ से जांच तलब की थी। सीओ ने 12 घंटे में ही विवेचना की और गंभीर धाराओं को हटा लिया। इससे जमानत का रास्ता साफ हो गया। 

शुक्रवार की देर रात एक युवक ने पुलिस को सूचना दी कि सुंदरपुर में काशी विद्यापीठ के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विकास पटेल व अन्य युवक किसी मुकदमे को लेकर उन पर दबाव बना रहे हैं। इस पर सुंदरपुर के कार्यवाहक चौकी प्रभारी सुनील गौड़ ने फैंटम दस्ते के सिपाही मनोज व अन्य को मौके पर भेजा। पुलिस के मुताबिक वहां सिपाहियों के पहुंचते ही विकास व उसके साथ के लोगों ने अनाप-शनाप बोलना शुरू कर दिया। 

उन लोगों ने मास्क नहीं पहना था, इसलिए दूर से ठीक से बात करने के लिए टोका गया। मास्क के लिए टोकना इतना बुरा लगा कि विकास और अन्य ने पुलिस वालों के साथ मारपीट शुरू कर दी। विकास ने अपने पिता सुरेंद्र पटेल को फोन किया। थोड़ी देर में सुरेंद्र 10 से 12 लोगों को साथ लेकर आये और पुलिसकर्मियों से मारपीट शुरू कर दी। मामले की जानकारी चौकी प्रभारी सुनील गौड़ को हुई तो वह भी पहुंचे। दुस्साहसिक रूप से उनका भी कॉलर पकड़कर धक्कामुक्की और मारपीट शुरू कर दी गई। घटना की खबर लगते ही फोर्स पहुंच गई और भाजपा नेता सुरेंद्र पटेल और भतीजे बिंदु पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया। 

लंका पुलिस दोनों आरोपितों को लेकर शनिवार की सुबह 10.30 बजे कचहरी पहुंची। निचली कोर्ट में पेश कर रिमांड के लिए अर्जी दी गई। आरोपितों की ओर से दी गई जमानत अर्जी खारिज कर न्यायिक रिमांड मंजूर कर ली गई। इसके बाद अधिवक्ताओं ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया। निचली अदालत के पास ही पुलिस से नोकझोंक शुरू कर दी। जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। सैकड़ों अधिवक्ताओं का वहां जमावड़ा हो गया। वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने हस्तक्षेप साथियों को शांत कराया। दोनों आरोपितों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया। 

इसके बाद सत्र न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की गई। इस पर दोपहर दो बजे सुनवाई होनी थी, लेकिन लंका थाने से केस डायरी व अन्य कागजात नहीं लाये गये थे। कागजात आने के बाद चार बजे सुनवाई हुई। अधिवक्ता अनुज यादव और कृष्ण कुमार पाजी ने कोर्ट में कहा कि अधिवक्ता और उनके भाई को फर्जी तरीके से फंसाया गया है। बताया गया कि घटना रात 10 बजे की बताई जा रही है। कोरोना संक्रमण के कारण आदेश है कि रात नौ बजे के बाद सड़क पर न वाहन निकलेंगे, ना ही कोई दुकान खुलेगी, ना बाजार खुलेंगे।

पुलिस ने एफआईआर में बताया है कि मारपीट के कारण अफरा-तफरी मच गई। दुकानें बंद होने लगीं। शटर धड़ाधड़ गिरा दिये गये। पुलिस की यह कहानी सरासर गलत है। आरोपित मानिंद लोग हैं और भागने वाले नहीं हैं। ऐसे में जमानत अर्जी मंजूर की जाए। दोनों पक्ष को सुननने के बाद अदालत ने कहा कि आरोपितों पर कोई गंभीर अपराध की धारा नहीं पाई गई। जमानत की आधार पाते हुए जमानत अर्जी मंजूर कर ली। 

पुलिस ने 12 घंटे में कर ली विवेचना, हटाई गंभीर धाराएं
दरोगा और सिपाहियों से मारपीट, गाली-गलौज मामले में शुक्रवार देर रात पुलिस ने भाजपा नेता समेत सात नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ संगीन आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। दूसरे दिन शनिवार को दोपहर तक विवेचना मात्र 12 घंटे में पूरी कर ली और लूट, अपहरण और हत्या के प्रयास की धाराएं हटा ली गईं। एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि पुलिसकर्मियों की मेडिकल रिपोर्ट और फुटेज को देखने के बाद ये धाराएं हटाई गई हैं। इस पूरे प्रकरण की जांच सीओ भेलूपुर प्रीति त्रिपाठी करेंगी।

मारपीट में भाजपा नेता जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र पटेल, उनका बेटा काशी विद्यापीठ का पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विकास पटेल, भतीजा वीरेंद्र प्रताप सिंह समेत अन्य कई लोग थे। लंका थाने में रात 3.46 बजे सुनील कुमार गौड़ की तहरीर पर विकास पटेल, सुरेंद्र पटेल, वीरेंद्र प्रताप सिंह, संतोष सिंह, किशन राय उर्फ फैलू, शशांक यादव उर्फ गोलू, शहजाद खान और एक अन्य अज्ञात के खिलाफ कुल 19 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें पुलिसकर्मियों की हत्या का प्रयास, लूट और अपहरण की धाराएं भी जोड़ दी गईं।

सुरेंद्र पटेल और वीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ बिंदु की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही थाने पर रात में ही क्षेत्रीय पदाधिकारियों का जमावड़ा लग गया। उस समय पुलिस ने संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत होने की बात कहकर पुलिस ने मौके से छोड़ने से इनकार कर दिया। इन पर 147, 148, 149, 323, 504, 506, 341, 307, 392, 114, 188, 269, 270, 364, 353, 332, 333, 186 और 7-सीएलए एक्ट में मुकदमा हुआ। सुबह दोबारा जांच शुरू हुई। 12 घंटे के भीतर ही पुलिस ने तीन संगीन धाराएं लूट, हत्या का प्रयास और अपहरण को हटा लिया। 

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