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उत्तर प्रदेश में 16 और जिलों में बनेंगी अस्थायी जेल, पहले 14 दिनों तक यहां रखे जाएंगे बंदी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जेलों में बंदियों में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए अपर मुख्य सचिव गृह व कारागार अवनीश कुमार अवस्थी ने 16 और जिलों में जल्द अस्थायी जेलें के निर्माण के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बरेली, बलिया, बलरामपुर, बस्ती, चित्रकूट, एटा, इटावा, आयोध्या, फतेहगढ़, उरई, जौनपुर, कानपुर देहात, कौशांबी, महाराजगंज, मैनपुर व मऊ के जिलाधिकारियों को जल्द अस्थायी जेल बनवाने का निर्देश दिया है। इनमें जौनपुर, बस्ती व मऊ में पहले अस्थायी जेेलें बनाई गई थीं, लेकिन बाद में उन्हें बंद कर दिया गया था।

अपर मुख्य सचिव गृह व कारागार अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि सभी नए बंदियों को पहले 14 दिनों तक अस्थायी जेलों में ही रखा जाए और उनका कोरोना टेस्ट कराया जाए। टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही संबंधित बंदी को मुख्य जेल में निरुद्ध किया जाए। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर संबंधित बंदी को सीधे एल-वन अस्पताल में भेजा जाए। ध्यान रहे, पूर्व में 16 मई को सभी नए बंदियों को पहले 14 दिनों तक अस्थायी जेलों में क्वारंटाइन किए जाने के निर्देश दिए गए थे। जेलों में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते सभी जिलों में अस्थायी जेलों के वजूद में लाए जाने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।


606 से ज्यादा बंदी कोरोना पॉजिटिव : कोरोना संक्रमण का प्रकोप जिलों की तरह जेलों में भी लगातार बढ़ रहा है। सूबे की स्थायी व अस्थायी जेलों में कोरोना संक्रमित बंदियों का आंकड़ा 606 तक पहुंच गया है। स्थायी व अस्थायी जेलों में अब तक करीब 32 हजार बंदियों व कारागार कर्मियों के कोरोना टेस्ट कराए गए हैं। बलिया जेल में सबसे अधिक 227 और दूसरे नंबर पर झांसी जेल में 207 बंदी कोरोना पॉजिटिव हैं। इसके अलावा अन्य जेलों में भी कोरोना अपनी दस्तक दे रहा है। 12 से अधिक जेलकर्मी भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, जबकि दो बंदियों की अब तक कोरोना से मौत हो चुकी है। स्थायी जेलों में करीब 490 बंदी कोरोना पॉजिटिव हैं, जिनमें 63 को अलग बैरकों में तथा 427 को एल-वन हॉस्पिटल में रखा गया है। ऐसे ही अस्थायी जेलों में 116 बंदी कोरोना संक्रमित हैं। इनमें 34 बंदियों को अलग रखा गया है और 82 को एल-वन हॉस्पिटल में रखा गया है। प्रदेश में अब तक 52 जिलों में 69 अस्थायी जेलें बनाई गई हैं, जिनमें चार हजार से अधिक बंदी निरुद्ध हैं।


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