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केंद्र सरकार जानकारी दे, चीन ने हमारी कितनी जमीन छीनी - अखिलेश यादव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को बकरीद के पर्व पर लोगों को मुबारकबाद दी। लखनऊ में ईदगाह, ऐशबाग में नमाज अदा करने आए लोगों से भेंट करने के बाद अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में चीन के मामले में केंद्र सरकार पर तंज कसा।

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव आज बकरीद के मौके पर ऐशबाग ईदगाह पहुंचे थे। उन्होंने वहां पर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली से भेंट करने के बाद उनको ईद की बधाई दी। इसके बाद मीडिया को संबोधित किया।

अखिलेश यादव ने कहा कि देश की सीमा कही से भी सुरक्षित नहीं है। पाकिस्तान के बाद अब चीन ने हमको काफी परेशान कर रखा है। चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। वह कभी भी पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को डिप्लोमैटिक फ्रंट पर काम करना चाहिए और सबसे बड़ी बात है जनता को सच बताना चाहिए कि हमारी कितनी जमीन छिन गई है।

अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई भी चीज नहीं बची है। भाजपा का तो यह मानना है कि 'ठोको' से ही काम चलता है। पर यह भी सच है कि जो लोग ठोको पर भरोसा करते हैं वो कब पुलिसिंग को बेहतर करेंगे। योगी आदित्यनाथ सरकार ने 100 नंबर डायल, रिस्पांस सिस्टम को और बेहतर क्यों नहीं किया। अगर ठोको नीति पर ही भरोसा करते रहेंगे तो पुलिस व्यवस्था को कैसे बेहतर करेंगे।

नाम बदलने में माहिर
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की केंद्र के साथ उत्तर प्रदेश की सरकार बस नाम बदलने में विशेषज्ञता हासिल करके ही खुश है। इनको कोई काम करने की कोई जरूरत नहीं है। बस दूसरे के काम का नाम ही बदल दो। इस नाम बदलने में भी उनकी कोई मौलिकता नहीं दिखती है उत्तर प्रदेश में तो भाजपा ने अब तक अपनी एक भी योजना नहीं लागू की। समाजवादी सरकार की योजनाओं पर ही अपना नाम चस्पा कर खुद की वाहवाही कर लेती है लेकिन भाजपा नेतृत्व के इस छल प्रपंच को जन साधारण के साथ भाजपा विधायक-सांसद जान गए हैं और वे भी अब विरोध में आवाज उठाने लगे हैं।

भाजपा बच्चों के भविष्य का राजनीतिकरण न करे
उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार शिक्षा नीति में कोई भी बदलाव कर ले या मंत्रालय का नाम बदल लें उससे कुछ होने वाला नहीं है। भाजपा बच्चों के भविष्य का राजनीतिकरण न करे। शिक्षा-व्यवस्था ऐसी हो, जिसमें उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के पीछे उद्देश्य आरएसएस के एजेण्डा को लागू करना है। इस एजेण्डा के मुताबिक नई पीढ़ी को ढालने की कोशिश में अब पाठ्यक्रम को भी एक विशेष रंग में प्रस्तुत किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में तो पूरी शैक्षिक व्यवस्था ही गड़बड़ है। यहां शैक्षिक समय सारिणी तक का पालन नहीं हो पा रहा है।
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