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आजमगढ़ में प्रधान की हत्या पर फूटा गुस्सा, पथराव-फायरिंग के बीच पुलिस चौकी में आगजनी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, आजमगढ़. आजमगढ़ में शुक्रवार की शाम तरवा के बासगांव में प्रधान की हत्या के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों की भीड़ देख बोंगरिया बाजार में भगदड़ मच गई। भगदड़ के बीच एक वाहन से दबकर 12 साल के बालक की मौत हो गई। इससे लोगों का गुस्सा और भड़क गया। लोगों ने बोंगरिया पुलिस चौकी पर धावा बोल दिया।
फर्नीचर तोड़ दिए, बाहर खड़ी बाइको में आग लगा दी। इसे रोकने पर पुलिस व पब्लिक में गुरिल्ला युद्ध शुरू हो गया। लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने कई राउंड फायरिंग की। पथराव में कई पुलिस वाले घायल हो गए। घंटों की मशक्कत के बाद किसी तरह मामला शांत किया जा सका। तनाव को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस और पीएसी की तैनाती कर दी गई है।

घर से बुला कर प्रधान को मारी गोली
तरवा थाना क्षेत्र के बासगांव निवासी 40 वर्षीय प्रधान सत्यमेव जयते उर्फ पप्पू राम के घर शुक्रवार की शाम करीब पांच बजे एक बाइक से तीन लोग पहुंचे। प्रधान से बात करने के बाद उसे लेकर गांव के बाहर एक सुनसान स्थान पर स्थित ट्यूवबेल पर चले गए। ट्यूबवेल पर पहुंचने पर बदमाशों ने प्रधान के सिर में गोली मार दी। मौके पर ही प्रधान की मौत हो गई। घटना के बाद बदमाश प्रधान के घर दोबारा पहुंचे और प्रधान की हत्या की सूचना देते हुए फरार हो गए। गांव के लोग मौके पर पहुंचे तो प्रधान मृत पड़ा था।

घटना की सूचना लगते ही मौके पर गांव के लोगों की भीड़ जु़ट गई। ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। आक्रोशित गांव के लोग पुलिस को शव को नहीं उठाने दे रहे थे। अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। बोगरिया बाजार में भी आक्रोशित लोगों ने जाम लगा दिया, तोड़फोड़ शुरू कर दी। घटना की सूचना मिलते ही एसपी त्रिवेणी सिंह, एसपी सिटी पंकज कुमार पांडेय, सीओ लालगंज अजय कुमार यादव, तरवा थाना प्रभारी मंजय सिंह, मेंहनगर व मेंहनाजपुर थाना प्रभारी भी पहुंच गए।

बालक की मौत से और बढ़ा आक्रोश
सैकड़ों लोग गांव से करीब दो किलोमीटर दूर बोंगरिया बाजार में आ गए। प्रधान की हत्या से आक्रोशित लोग सड़क जाम कर प्रदर्शन करने लगे। गांव धड़ाधड़ दुकानें बंद होने लगीं और भगदड़ मच गई। इसी बीच एक वाहन की चपेट में आने से 12 वर्षीय बालक की मौत हो गई। इससे लोगों का आक्रोश और बढ़ गया। भीड़ ने बोंगरिया  पुलिस चौकी पर धावा बोल दिया तथा तोड़ फोड़ करने लगे। सड़क पर खड़ी 3-4 बाइकों को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। पुलिस पर भीड़ पत्थरबाजी करने लगी।

चौकी की पुलिस ने  घटना को उच्च अधिकारियों को अवगत कराया। कुछ ही देर में कुछ पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन भीड़ के आगे पुलिस बेबस रही। पथराव से कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने 10 से 12 राउंड फायरिंग की। घंटों उपद्रव चलता रहा। रात करीब दस बजे पुलिस ने किसी तरह लोगों को समझाया और प्रधान व बच्चे का शव कब्जे में ले सकी।
प्रधान की हत्या में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए छह टीमें
डीआईजी सुभाष चंद्र दूबे ने बताया कि प्रधान की हत्या में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी के लिए छह टीमें लगाई गई हैं। सभी आरोपियों पर हत्या की धाराओं के साथ गैंगस्टर,एनएसए समेत तमाम कार्रवाई की जाएगी। हत्या के बाद भड़की भीड़ प्रदर्शन कर रही थी उसी के बाद मची भगदड़ में एक अज्ञात वाहन से बच्चे की मौत हुई। बोंगरिया में पीएसी तैनात है फिलहाल शांति व्यवस्स्था कायम है। मौके पर डीएम व एसपी समेत तमाम अफसर मौजूद हैं।लापरवाही पर तरवा थाना प्रभारी व बोंगरिया चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।

वहीं कमिश्नर विजय विश्वास ने कहा कि शासन के निर्देश पर प्रधान और 12 वर्षीय बालक के परिवार को सीएम राहत कोष से पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। दोनों दलित हैं इसलिए पोस्टमार्टम के बाद सवा चार, सवा चार लाख की रकम भी सहायतार्थ मिलेगी।
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