गाजीपुर: बिजली निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों में उबाल, किया प्रदर्शन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में जिले के अलग-अलग हिस्सों में जोरदार तरीके से प्रदर्शन हुआ। विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने उपकेंद्रों के सामने घंटों धरना-प्रदर्शन के माध्यम से अपना विरोध दर्ज कराया। इस वजह से जिले के सभी उपकेंद्रों पर दिन भर अव्यवस्था की स्थिति कायम हो गई।
दुल्लहपुर संवाददाता ने बताया कि विद्युत पावर हाउस पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से धरना प्रदर्शन किया गया। निजीकरण के खिलाफ में घंटों नारेबाजी की गई। समिति के विजय शंकर राय ने कहा कि बिल 2020 को संसद में पारित कराने और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजी करण की एकतरफा कोशिश किया गया तो विद्युत कर्मचारी सघर्ष समिति कड़ा कदम उठाएगा। दिलदारनगर संवाददाता ने बताया कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उपखंड दिलदारनगर पर कर्मचारियों ने अपने जोरदार धरना-प्रदर्शन में विरोध जताया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जिन-जिन विभागों को निजी हाथों में सौंपा गया, जनता के साथ-साथ कर्मचारियों की परेशानी बढ़ी। अधिभार सीधे तौर पर जनता के ऊपर आकर पड़ा। किसी भी सूरत में बिजली को निजी हाथों में नहीं देने दिया जाएगा। अध्यक्षता एसडीओ श्यामनरायण चौरसिया और संचालन तापस कुमार ने किया। इस मौके पर कपिल गुप्ता, मान सिंह कुशवाहा, मुकेश कुमार, सुखेंद्र मोनू आदि लोग मौजूद रहे।
नंदगंज संवाददाता ने बताया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में सब डिवीजन के अंतर्गत 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र परिसर में विरोध प्रदर्शन किया गया। उप खंड अधिकारी अमित कुमार ने कहा कि नेशन कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एंप्लॉयर एंड इंजीनियर्स के निर्णय के अनुसार देश के 15 लाख बिजलीकर्मी और इंजीनियरों के साथ अभियंताओं ने प्रदर्शन किया। अवर अभियंता पंकज जायसवाल ने पूर्वांचल के निजीकरण के खिलाफ विरोध सभा को संबोधित किया और इसके हानियों को बताया है।
विरोध प्रदर्शन में रामधन राम, इंसाफ अली, चंद्रहास, प्रवीण सिंह, प्रमोद कुमार, अवनीश अवस्थी, विनोद, लक्ष्मी नारायण, अभिशेख चौबे आदि मौजूद रहे। कासिमाबाद संवाददाता ने बताया कि कर्मचारियों ने दिनभर धरना-प्रदर्शन किया और विद्युत निजीकरण के खिलाफ में नारेबाजी की। उनकी मांग थी कि किसी भी सूरत में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था निजी हाथों में नहीं जाना चाहिए।