वाराणसी में अब दीनापुर एसटीपी में क्लोरीन गैस रिसाव, 50 से ज्यादा पहुंचे अस्पताल
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में अब दीनापुर एसटीपी परिसर में शनिवार देर शाम क्लोरीन गैस रिसाव से अफरातफरी मच गयी। आसपास के गांवों दीनापुर, रघुनाथपुर व सलारपुर के 40 परिवारों के 200 लोगों को वहां से हटा दिया गया। रिसाव का असर तीन किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले लोगों तक हुआ। लोग खांसने लगे और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई। 50 से ज्यादा लोग पास के निजी अस्पताल पहुंचे और अपना उपचार कराया।
इससे पहले छह जुलाई को कमच्छा जलकल में रखी टंकी से क्लोरीन गैस का रिसाव हुआ था। काफी दूरी तक लोग भाग खड़े हुए थे। आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। कई लोग आईसीयू में भी रखे गए थे।
दीनापुर एसटीपी के नजदीक रहने वाले लोगों को ज्यादा तकलीफ हुई और महिलाओं व बच्चों को खांसी की शिकायत रही। देर रात तक स्थानीय लोग घबराकर अपने घरों तक नहीं आए। इसी दौरान बारिश के कारण भी मुसीबत उठानी पड़ी। आनन-फानन में लोग बिना मास्क लिए वहां से भागे। पंचक्रोशी चौराहे तक लोगों को हटा दिया गया था।
शनिवार शाम करीब 6.30 बजे रिसाव के कारण आसपास लोगों को दिक्कत शुरू हुई। हालांकि जल निगम गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों का कहना है कि रिसाव शाम 7.30 बजे से शुरू हुआ। रिसाव होते ही आसपास लोगों का दम घुटने लगा। जानकारी मिलते ही पुलिस पहुंची और लोगों को वहां से जाने को कहा।
फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर पहुंची, लेकिन ऑक्सीजन चैंबर न होने के कारण उन्होंने हाथ खड़ा कर दिया। इसके बाद पुलिस ने एनडीआरएफ को सूचना दी। एनडीआरएफ के 36 जवानों की टीम पौने दस बजे पहुंची। इसके पहले चेतगंज से फायर ब्रिगेड की टीम ने ब्रीदिंग किट पहनकर रिसाव बंद किया। जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में आई।
बच्चे जमीन पर गिरकर छटपटाने लगे
एसटीपी के पास रहने वाले संतोष कुमार ने बताया कि रिसाव होते ही बच्चे जमीन पर गिरकर छटपटाने लगे। हमलोग बहुत घबरा गये थे। बच्चों को गोद में लेकर हमलोग भागे लेकिन सांस लेने में दिक्कत के कारण चलना भी मुश्किल हो रहा था। रिसाव की चपेट मेें आई श्वेता जायसवाल ने कहा कि पंचक्रोशी चौराहे पर एक निजी अस्पताल में जाकर इलाज करवाया। सांस फूल रही थी और खांसी आ रही थी। डॉक्टर ने इनहेलर दिया जिसके थोड़ी बाद आराम मिला। दीनापुर के ही मनीष ने बताया कि घर पर बैठे थे तभी अचानक कि सांस फूलने लगी। सब लोग खांसने लगे। किसी को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हुआ। लोग घरों से बाहर नकलकर भागने लगे। हमलोग लेढूपुर गांव की तरफ भागे। निजी अस्पताल में चार घंटे रहे।
ममता मौर्य का घर एसटीपी के गेट के ठीक सामने है। कहा कि शाम को अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगी। तभी पुलिस आई। गैस लीकेज के बारे में बताया और तुरंत घर खाली करने को कहा। कल्लू राजभर ने कहा कि अचानक तेज गंध आने लगी और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। बच्चों को तेज खांसी आ रही थी और सांस लेने में समस्या के कारण वे परेशान हो रहे थे। पंचक्रोशी चौराहे पर निजी अस्पताल में डॉक्टर से इलाज कराया।
