कोरोना पॉजिटिव ने डॉक्टर पर किया चाकू से वार, खुद का काटा गला
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कोरोना पॉजिटिव ने अपना गला काटकर आत्महत्या करने की कोशिश की। इससे पहले उसने ड्यूटी कर रहे कर्मचारी और डॉक्टर पर भी जानलेवा हमला किया। इस घटना में मरीज के गले की नस कट गई। जनरल सर्जरी विभाग के डॉक्टर ने रात में ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई। घटना के बाद वार्ड में हड़कंप मच गया। वार्ड में मौजूद दूसरे मरीज सहम गए।
घटना शनिवार की तड़के की है। बताया जाता है कि कुशीनगर का रहने वाला 45 वर्षीय युवक मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में भर्ती हैं। उसका इलाज चल रहा है। शुक्रवार से ही संक्रमित अजीब हरकतें करने लगा। शनिवार के तड़के संक्रमित को कहीं से चाकू मिल गया। चाकू से संक्रमित ने वार्ड में सफाई कर रहे कर्मचारी पर वार कर दिया। जैसे-तैसे कर्मचारी वहां से जान बचाकर भगा। उसने इसकी सूचना वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर को दी। डॉक्टर ने मरीज को समझाने की कोशिश की तो मरीज ने उस पर भी वार किया। इसके बाद वार्ड मौजूद दूसरे मरीज भाग खड़े हुए।
मरीज जोर-जोर से चीखने लगा। कुछ देर बाद ही उसने अपने गले पर चाकू से वार किया। इससे उसके गले की नस कट गई। इतना ही नहीं उसने वहां मौजूद ड्रिप स्टैंड से भी गले में वार करने की कोशिश की।
रात में हुआ ऑपरेशन
इस घटना के बाद कोरोना वार्ड हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने इसकी सूचना रात में प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार को दी। आनन-फानन में संक्रमित की जान बचाने के लिए ऑपरेशन करने का फैसला किया गया। जनरल सर्जरी के डॉ. अशोक यादव और डॉ. मुकुल सिंह ने ऑपरेशन किया। यह ऑपरेशन तीन घंटे चला। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने मरीज के फेफड़े में जमें खून को निकाला। नस की मरम्मत की।
एक दिन रहा वेंटिलेटर पर
डॉक्टर संक्रमित की जान बचाने में सफल हुए। उसे 24 घंटे वेंटिलेटर पर रखा गया। अब उसकी हालत खतरे से बाहर है। मरीज को वेंटिलेटर से हटा कर हाई डिपेंडेंसी यूनिट में शिफ्ट कर दिया गया है।
बच गई थी खाने की नली
डॉ. अशोक यादव ने बताया कि इस मामले में जनरल सर्जरी की क्विक रिस्पांट टीम आगे आई। घायल के गले की सांस की नली कट गई थी। खाने की नली बची थी। अगर एक घंटे में ऑपरेशन न होता तो उसकी जान बचाना कठिन हो जाता।
बोले बीआरडी प्राचार्य
घटना रात में हुई। उस समय मरीज को बचाने के लिए उन डॉक्टरों को बुलाना पड़ा जो कोविड ड्यूटी कर चुके थे। रात में ही ऑपरेशन किया गया। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है। उसकी हालत खतरे से बाहर है। -डॉ. गणेश कुमार, प्राचार्य