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इस्तीफा देकर फंस गईं शिक्षिका, फर्जी निकले सर्टिफिकेट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. गोरखपुर के साथ ही पूरे प्रदेश में फर्जी शिक्षकों को ढूंढने की कवायद तेज हो गई है। इस मामले में जब से एसटीएफ ने जांच संभाली है तब से नतीजे भी सामने आ रहे हैं। फर्जी शिक्षकों में अब पकड़े जाने का डर व्याप्त हो गया है इसी का नतीजा है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर फर्जी शिक्षक बचने का हथकंडा अपना रहे हैं लेकिन फर्जी शिक्षकों का ये पैतरा भी कामयाब नहीं हो रहा है। ऐसा ही एक मामला गोरखपुर में भी सामने आया हैं। 
गोरखपुर की एक सहायक अध्यापिका ने स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी लेकिन विभाग ने उसके भी शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया तो पता चला कि शिक्षिका को हाईस्कूल, इंटर के साथ ही बीटीसी का अंकपत्र भी कूटरचित है। शिक्षिका इस्तीफा देकर ही फंस गई। गोला ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय ककरही की सहायक अध्यापिका साधना देवी ने पिछले जून में विभाग को नोटरी देते हुए स्वेच्छा से सेवानिवृत्त किये जाने का अनुरोध किया था। इसके बाद विभाग ने शिक्षिका के हाईस्कूल, इंटर एवं बीटीसी के अंकपत्र का सत्यापन कराया। सत्यापन में प्रमाणपत्रों के कूटरचित मिलने पर शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया। खंड शिक्षाधिकारी गोला को इस मामले की जांच सौंपी गई है।  

इसके अलावा पिपराइच ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय हरखापुर की सहायक अध्यापिका सुधा रानी के विरुद्ध फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी करने की शिकायत को लेकर एसटीएफ फील्ड इकाई गोरखपुर ने बेसिक शिक्षा विभाग से शिक्षिका की पत्रावली तलब की थी। विभाग ने इस मामले की जांच शुरू करते हुए शिक्षिका का हाईस्कूल एवं इंटर के अंकपत्र का सत्यापन कराया। सत्यापन में अंकपत्र के कूटरचित मिलने पर शिक्षिका को निलंबित करते हुए बीईओ पिपराइच को जांच अधिकारी नामित किया गया है। गोरखपुर में अभी तक 31 परिषदीय शिक्षक निलम्बित हैं। इनकी जांच खण्ड शिक्षा अधिकारी कर रहे हैं।  

24 साल की नौकरी के बाद बर्खास्तगी
गोरखपुर। कूटरचित अभिलेखों के सहारे बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल करने वाले एक और शिक्षक का फर्जीवाड़ा सामने आया है। 24 साल तक विभाग की आंखों में धूल झोंककर नौकरी करने वाले शिक्षक का बीटीसी अंकपत्र कूटरचित पाया गया है। फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षक को बर्खास्त कर दिया है। बीएसए बीएन सिंह के मुताबिक बर्खास्त शिक्षक के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराकर उससे वेतन रिकवरी होगी। पिपराइच ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालस उस्का में तैनात सहायक अध्यापक सुरेश सिंह वर्ष 1996 में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हुआ था। 

फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई के क्रम में विभाग द्वारा उक्त शिक्षक के वर्ष 1994 के बीटीसी अंकपत्र को सत्यापन के लिए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के यहां भेजा गया था। सत्यापन में शिक्षक का अंकपत्र कूटरचित पाया गया। इसके बाद शिक्षक को निलंबित करते हुए आरोप पत्र जारी किया गया। आरोपपत्र मिलने के बाद भी शिक्षक ने अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं किया। इसके बाद शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया। जिले में 59 शिक्षक अब तक बर्खास्त किये जा चुके हैं।  
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