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गाजीपुर के इस होनहार शोधार्थी को राष्ट्रपति करेंगे अवार्ड से सम्मानित, जानिए उपलब्धि...

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर। तहसील व विकास खंड मुहम्मदाबाद के ग्राम शक्करपुर निवासी जितेन्द्र प्रसाद को अभिनव शोध के लोए प्रतिष्टित पुरस्कार गांधीवादी यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन (ज्ञाति) अवार्ड 2020 के लिए चुना गया है। यह पुरस्कार माननीय राष्ट्रयपति द्वारा राष्ट्रयपति भवन नई दिल्ली में दिया जाएगा। यह अवार्ड दूर दराज क्षेत्रो में प्रकाश के लिए गंगा नदी के मिट्टी से बिजली उत्पादन करने की तकनीक विकसित करने के लिये दिया जायेगा। 
इस तकनीकी से 12 वोल्ट की बैट्री को चार्ज किया है और फिर इसे 230 वोल्ट की ए. सी. वोल्टेज मे बदल कर बिजली के बल्ब को 9 घंटे तक जलाया है। ये लेबोरेट्री मे 14-14 घंटे काम करके कड़ी मेहनत से 4 वर्षो मे इस टेक्नोलॉजी को विकसित किया है। उनकी यह तकनीकी दुर-दराज के इलाको के लिए प्रकाशित करने, इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस, सैन्य वायरलेस को शक्ति का स्रोत प्रदान करेगा। यह नवाचार इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक शक्ति स्रोत के रूप में भी सुविधा प्रदान करेगा, जहां, पारंपरिक बिजली का उपलब्ध हो पाना असंभव है। इस तकनीकी से बिजली उत्पन्न करने मे किसी तरह का प्रदूषण पैदा नही होता है। 

यह पुरस्कार चिकित्साशास्त्र, ऊतक इंजीनियरिंग, मेडिकल , रसायन विज्ञान , जैव प्रसंस्करण कृषि और इंजीनियरिंग समेत 42 श्रेणीयो से जुड़े नवोन्मेषों के लिए युवा शोधकर्ताओं को ये पुरस्कार प्रदान किये जाते है।चार चरणों के मूल्यांकन के बाद, इनोवेशन पुरस्कार के लिए 7 और सराहना (एप्रीसिएशन) पुरस्कार के लिए 15 टीमों का चयन किया गया है। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के सलेक्शन कमेटी में 5 पद्मश्री और 2 पद्म विभूषण प्राप्त वैज्ञानिक और अन्य आईआईटी के प्रोफेसर थे जिन्होंने इनका साक्षात्कार लिया। पूरे भारत मे गांधीवादी यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन(ज्ञाति) अवार्ड 2020 के लिये सिर्फ सात शोधकर्ताओं को चुना  गया है। 

भारत के 31 राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान मे सिर्फ मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद के जितेंद्र प्रसाद को ये अवार्ड मिला है जिससे संस्थान का भी नाम रोशन हुआ है। चुकी इस समय कोरोना महामारी की वजह से इस अवार्ड सेरेमनी का अभी समय निश्चित नही किया गया है। अवार्ड प्राप्त करने वाले जितेंद्र प्रसाद का जन्म शक्करपुर गाव के छोटे परिवार में हुआ था इनके पिता श्री रामकृत प्रजापति सेतु निगम में इलेक्ट्रिशियन के पद से रिटायर्ड है और माता गृहणी है। इनका प्रारम्भिक शिक्षा गाव में ही स्थित आनंद मार्ग स्कूल शक्करपुर में लिया ततपश्चात छः से आठवीं तक कि शिक्षा पूर्व माध्यमिक विद्यालय नोनहरा से प्राप्त किया और दसवी की शिक्षा श्री महावीर हायर सेकेंड्री स्कूल कमालपुर गाजीपुर से और बारहवीं की कक्षा बी भी ए आई सी नगर शेखनपुर गाज़ीपुर से किया है। 

इसके बाद दो सालों तक इलाहाबाद में तैयारी करने के बाद में गलगोटिया कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ग्रेटर नोएडा से 2011 में बी. टेक. इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग से किये । तत्पश्चात गेट की परीक्षा पास कर मौलाना आजाद नेशनल ऑफ टेक्नोलॉजी से 2013 में एम. टेक. की डिग्री लिया। इनको एम टेक. के दौरान मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट गवर्मेन्ट आफ इंडिया द्वारा दो वर्षों तक स्कॉलरशिप भी मिला है।. तत्पश्चात, ये यू.आई.टी. आर.जी.पी.वी. भोपाल, डब्लू.सी.टी.एम. गुड़गांव और एमएनएनआईटी इलाहाबाद जैसे अच्छे  कॉलेजो में सहायक प्रोफेसर के पद पर भी रह चुके है। ये आई.आई.टी. दिल्ली मे भी जे.आर.एफ. के पद पर कार्य कर चुके है। 

अभी ये मोती लाल नेहरू राष्ट्रिय प्रौद्योगीकी संस्थान इलाहाबाद 2016 से ये प्रोफेसर रमेश कुमार त्रिपाठी के अधीन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में पीएचडी शोध कर रहे है। इनको पी एच डी के दौरान भी मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी गवर्मेन्ट आफ इंडिया से स्कॉलरशिप प्रदान हो रहा है। जितेंद्र अपने गाव के  टेक्नोलॉजी के क्षेत्र मे बिटेक्, एम. टेक.और पी. एच. डी. करने वाले एकलौते शोधकर्ता है। ये इनके, इनके कॉलेज और इनके गाव के लिए अबतक का बहुत बढा उपलब्धि है। 

इनके बहुत से शोध कार्य देश और बिदेश मे पढा जाने वाले टेक्नोलॉजी के क्षेत्र मे प्रकाशित होने वाले अंतराष्ट्रीय पत्रिकाओं जैसे  Wiley, Science Direct, IEEE मे प्रकाशित हो चुका है जिसे गूगल पे इनके नाम को सर्च कर के देखा जा सकता है। इस कार्य मे प्रगतिशील देश और बिदेश के वैज्ञानिक इनके शोधों को पढ़ते है और इनकी प्रसंसा करते है। ये बहुत से अंतराष्ट्रीय सेमिनार मे भी भाग ले चुके है। ये बहुत से अंतराष्ट्रीय पत्रिकाओं के समीक्षक भी है जिससे ये जापान, चीन, कनाडा, सिंगापुर, जैसे बहुत से देशों के शोध कार्यो पे अपनी समीक्षा भी दे चुके है। इनकी इस उपलब्धि से संस्थान के छात्र तथा छात्रयो मे शोध के प्रति रुचि जागृत होगी तथा संस्थान में नित नये नये शोध होंगे।
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