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उत्तर प्रदेश से गुजरेगी राज्‍यसभा में NDA के बहुमत की राह, BJP होगी सबसे ताकतवर पार्टी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली/लखनऊ. संसद के ऊपरी सदन में बीजेपी और एनडीए का समीकरण उत्तर प्रदेश बदलने जा रहा है. यूपी के के सहारे पहली बार राज्यसभा में एनडीए अकेले दम पर बहुमत का आंकड़ा पार करने जा रही है. अब तक महत्वपूर्ण बिल के लिए बीजेपी को राज्यसभा में दूसरी विपक्षी पार्टियों पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन सितम्बर में होने वाले राज्यसभा के एक सीट और नवंबर में होने वाले 10 सीटों से राज्यसभा में सियासी आंकड़ा पूरी तरह बदल जाएगा. एक तरफ जहां ऊपरी सदन में बीजेपी की ताकत सबसे ज्यादा बढ़ जाएगी, वहीं एनडीए के पास पर्याप्त बहुमत का आंकड़ा होगा.

उत्तर प्रदेश में 11 सितम्बर को राज्यसभा के एक सीट पर चुनाव होने वाले हैं. अमर सिंह के निधन से ये सीट खाली हुई है. बीजेपी ने इस सीट के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद ज़फर इस्लाम को उम्मीदवार बनाया है. ज़फर इस्लाम पेशे से बैंकर रहे हैं, आर्थिक मामलों के जानकार हैं. मुस्लिम और युवा चेहरे के तौर बीजेपी के अंदर ज़फर इस्लाम ने अपनी पहचान बनाई है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी के संख्या बल को देखें तो ये सीट बीजेपी निर्विरोध जीत लेगी, यानी ज़फर इस्लाम का राज्यसभा जाना तय है.


नवंबर में 10 सीटों पर होने वाले है चुनाव
सितम्बर में एक सीट के चुनाव के बाद सबकी निगाहें नवंबर में होने वाली राज्यसभा चुनाव में टिकी हुई हैं, क्योंकि नवंबर का चुनाव ही संसद के ऊपरी सदन का समीकरण बदलेगा. इस 10 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में पलड़ा बीजेपी की भारी है. 10 सीटों में 8 पर तो बीजेपी आसानी से जीत दर्ज कर लेगी, लेकिन बीजेपी का लक्ष्य 9 सीटों पर जीत दर्ज कराने का होगा.

अगर मौजूदा समय की बात करें तो यूपी विधानसभा में अभी 395 विधायक हैं और 8 सीटें खाली हैं. यूपी विधानसभा की मौजूदा स्थिति के आधार पर नवंबर में होने वाले चुनाव में जीत के लिए हर सदस्य को करीब 37 वोट चाहिए. अगर यूपी विधानसभा में सत्ताधारी बीजेपी की मौजूदा ताकत को देखें तो उसके पास अपने 305 विधायक हैं. ऐसे में इस संख्याबल के दम पर भाजपा नवंबर में 10 में से 8 सदस्यों को चुनकर उच्च सदन में आसानी से भेज सकती है; और अगर उसे अतिरिक्त समर्थन मिल गया तो यह संख्या 9 तक पहुंच सकती है. भारतीय जनता पार्टी के लिए अतिरिक्त 1 सीट जीतने की संभावना इसीलिए बन सकती है, क्योंकि मौजूदा गणित के मुताबिक 8 सदस्यों के लिए वोटिंग के बावजूद उसके पास अपने अतिरिक्त 13 वोट बचेंगे. इसमें अपना दल का 9 वोट शामिल करने से यह संख्या 22 तक पहुंच जाएगी.

बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक उसे कुछ विपक्षी विधायकों का भी समर्थन मिल सकता है. रायबरेली के हरचंदपुर और सदर सीट से कांग्रेस विधायक राकेश सिंह और अदिति सिंह जिस तरीके से कांग्रेस के खिलाफ बागवत कर रहे हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि ये दोनों राज्यसभा के लिये बीजेपी का साथ दे सकते हैं. वहीं बीजेपी में शामिल हो चुके पूर्व राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल भी कहने के लिए तो समाजवादी पार्टी के विधायक हैं, लेकिन वह भी राज्यसभा में बीजेपी के लिए वोट कर सकते है. यानी बीजेपी थोड़ी मशक्क्त करे तो उत्तर प्रदेश के 9वी सीट भी बीजेपी की झोली में होगी.


समाजवादी पार्टी के खाते में आएगी 1 सीट
विधायकों की संख्या के मुताबिक 1 सीट समाजवादी पार्टी के पाले में जा सकती है क्योंकि, समाजवादी पार्टी के पास 48, बहुजन समाज पार्टी के पास 18, बीजेपी की सहयोगी अपना दल के 9, कांग्रेस के 7, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 4, राष्ट्रीय लोकदल के 1 और 3 निर्दलीय विधायक हैं.

नवंबर को राज्यसभा में एनडीए को बहुमत
सितम्बर और नवंबर में होने वाले राज्यसभा के बाद एनडीए बहुमत का आंकड़ा पार कर लेगी. 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में इस वक्त भारतीय जनता पार्टी के पास अपने कुल 86 सांसद हैं. जबकि, एनडीए का कुल आंकड़ा 113 का है. ऐसे में सितंबर और नवंबर में यूपी में हो रहे चुनाव में बीजेपी को उम्मीद के मुताबिक कुल 11 में से 10 सीटें मिल गईं तो एनडीए अपने दम पर बहुमत के आंकड़े को छू लेगा. यानी उम्मीद के मुताबिक बीजेपी को जीत मिल गई तो राज्यसभा में बीजेपी की संख्या 97 पहुच जाएगी, जबकि एनडीए की संख्या 124 को छू लेगी, जो बहुमत के आंकड़े की संख्या पार करती है.

25 निवम्बर को खत्म हो रहा है कार्यकाल
25 नवंबर को यूपी से जिन राज्यसभा सांसदों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है, उनमें अरुण सिंह, जावेद अली खान, पीएल पुनिया, राम गोपाल यादव, राजाराम, वीर सिंह, चंद्रपाल सिंह यादव, नीरज शेखर, रवि प्रकाश वर्मा और हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं.

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