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बीएचयू अस्पताल में मृत मिले युवक के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. बीएचयू अस्पताल में मृत मिले युवक के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया गया है। जिलाधिकारी ने मंगलवार को एसीएम फर्स्ट को मामले की जांच सौंप दी। सीओ भेलूपुर को उनकी मदद के लिए जांच में लगाया गया है। पूरे मामले की हर एंगल पर जांच के बाद 15 दिनों में रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी। इससे पहले मामले की गूंज लखनऊ और दिल्ली तक पहुंच चुकी है। पीएमओ और सीएमओ ने भी जिला प्रशासन से पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है।
बीएचयू ने रविवार को युवक के भाग जाने की बात उसके परिजनों से कही थी। परिवार वालों ने हंगामा शुरू किया तो अगले दिन पता चला कि अस्पताल में ही युवक की लाश मिली है। इसके बाद देर रात तक हंगामा चला था। परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ भी की थी। किसी तरह लोगों को समझाया जा सका था। 

डाफी का रहने वाला अजय 12 अगस्त को बीएचयू में ही एक हादसे में घायल हो गया था। उसे इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने 15 अगस्त को कोरोना पॉजिटिव पाया और बीएचयू सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बने कोरोना वार्ड में शिफ्ट करा दिया।

इसी दौरान रविवार को बीएचयू की तरफ से उसके परिजनों को बताया गया कि अजय भाग गया है। इस पर परिजनों ने हंगामा किया। लंका पुलिस बीएचयू जांच के लिए भी पहुंची लेकिन कोई खास सुराग नहीं मिला।

सोमवार की सुबह दोबारा अजय के परिजन अस्पताल पहुंच गए और हंगामा किया। इसी बीच देर शाम परिवार को बताया गया कि अजय की लाश अस्पताल के पिछले हिस्से में मिली है। यह सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया। लाश मिलने की जानकारी पुलिस को भी दी गई। पुलिस ने अजय के परिजनों को बुलाकर लाश की शिनाख्त कराई।

आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ भी की। अस्पताल परिसर के बाहर ही धरना प्रदर्शन शुरू हो गया। परिजनों को समझाने पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी पहुंचे। परिवार के आरोपों पर जांच का आश्वासन देकर किसी तरह शांत किया। इसी बीच मंगलवार को मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दे दिया गया।

डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि बीएचयू में ही युवक की लाश मिलने पर परिजनों ने काफी आक्रोश जताया था। उन्हें किसी तरह समझाया बुझाया गया। उनकी मांग थी कि मामले की जांच किसी मजिस्ट्रेट से कराई जाए। उनकी मांग को मानते हुए मामले की जांच मजिस्ट्रेट के साथ ही पुलिस अधिकारी से कराई जा रही है। एसीएम फर्स्ट और सीओ भेलूपुर को मामले की जांच सौंप दी गई है। दोनों अधिकारी 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देंगे। दोनों लोगों की टीम सीसीटीवी फुटेज के साथ ही हर साक्ष्य का गहन अध्ययन करेगी। जिसने भी स्तर से लापरवाही हुई है या जिसने भी लापरवाही बरती है उसे चिह्नित किया जाएगा।
 
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