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बिना मास्क लगाए ट्रेन और बसों में बैठ रहे यात्री, कोई भी यहां रोकने-टोकने वाला नहीं

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. जिले में कैंट रेलवे स्‍टेशन ही नहीं बल्कि रोडवेज बस स्टैंड पर भी लापरवाही की पराकाष्ठा पार हो चुकी है। यहां यात्रियों को कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। सुरक्षा के लिए बनाया गया घेरा भी टूट गया है। लगाए गए सुरक्षा उपकरण भी शो पीस बनकर रह गए हैं। स्थिति यह है कि परिवहन निगम के कर्मचारी ही नियमों का पालन नहीं करते हैं। वे शारीरिक दूरी बनाए बगैर झुंड बनाकर बैठे रहते हैं। उनके मुंह पर न तो मास्क रहता है औैर नहीं सैनिटाइजर। बसों में यात्री भी मनाने तरीके से बैठते हैं। अमूमन ट्रेनों में भी यही हाल नजर आ रहा है।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डा. राजशेखर ने लॉकडाउन खुलने से पहले रोडवेज बस स्टैंड को सील करने को कहा था। सिर्फ आने-जाने के लिए एक-एक गेट रहे। प्रवेश गेट पर ही लोगों की थर्मल स्कैंनिंग करने के साथ उनके साथ को सैनिटाइज किया जाए। साथ ही परिसर में कई स्थानों पर सैनिटाइज मशीन लगाया गया जिससे यात्रियों को कोई परेशानी नहीं हो। बस में यात्री को चढऩे से पहले परिचालक देखे कि मुंह में मास्क लगाए या नहीं। यदि नहीं लगाए हैं तो उन्हें किसी भी दशा में बसों में बैठने नहीं दिया जाए। कुछ दिनों तक अफसरों और कर्मचारियों ने रुचि दिखाई लेकिन समय के साथ वे आदेश भूल गए। यही कारण है कि बस स्टैंड पर यात्री बिना रोक-टोक के टहल रहे हैं, ऐसे में कोरोना संक्रमण कितनों लोगों को फैल सकता है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।

शनिवार की शाम 3.34 बजे गाजीपुर बस में बैठे दो यात्री मास्क नहीं लगाए थे, उनसे पूछा गया तो बोले मास्क मेरे पास है। परिचालक से पूछा गया तो उसने हंसते हुए जवाब दिया, क्या-क्या करें, किसको-किसको टोके। कोई सुनने वाला नहीं है। कहने के बाद भी लोग मास्क नहीं लगाते तो क्या करें। पूछने पर वे झगड़ा करने पर आमादा हो जाते हैं। अधिकारी से शिकायत करते हैं तो वे कुछ नहीं बोलते है। इस बारे में क्षेत्रीय प्रबंधक एसके राय से पूछने की कोशिश की गई तो उन्होंने मोबाइल नहीं उठाया। मौजूद एक एआरएम ने कहा कि नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। बाहर डिपो से आए बस चालक और परिचालक मनमानी कर रहे हैं।

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