फिर जागा बसपा सुप्रीमो मायावती का प्रतिमा प्रेम, प्रेरणा स्थल पर लगीं मायावती की प्रतिमाएं
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ। अपनी सरकार में खुद की प्रतिमाएं लगवाने के बाद फिर से बसपा अध्यक्ष मायावती का प्रतिमा प्रेम फिर से जाग उठा है। इस बार वो सत्ता में नहीं हैं, मगर उनकी प्रतिमाएं लगाने का काम वैसे ही जारी है, जैसे बसपा सरकार में था। लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर बसपा सरकार में बने प्रेरणा स्थल में मायावती की प्रतिमाएं लगाने का काम चल रहा है। मूर्तियां स्थापित करने के लिए आधार तैयार हो चुके हैैं और बुधवार शाम को तीन प्रतिमाओं को तैयार ढांचे के आसपास लगा भी दिया गया। प्रतिमाओं में मायावती हाथ में बैग लिए हुए हैं। संगमरमर की ये प्रतिमाएं बुधवार को खुले में आने के बाद चर्चा में आ गईं। करीब एक माह से यहां आधार का ढांचा तैयार हो रहा था, लेकिन तब किसी ने इस पर बहुत गौर नहीं किया।
इन प्रतिमाओं को लगाने के लिए चार पिलर पर ढांचा तैयार किया गया है, जहां काले पत्थर लगाए गए हैं। ढांचे का स्वरूप गोमतीनगर में डॉ. भीमराव आंबेडकर स्थल की तरह है। यहां ऊपर से कवर ढांचे में ही मायावती की प्रतिमाएं लगी हैं। इस ढांचे के बीच में किसकी प्रतिमा लगेगी, यह अभी पता नहीं है, लेकिन जानकार बताते हैं कि वहां बड़े आकार की प्रतिमा लगेगी। शाम को तेज बारिश के कारण तीन प्रतिमाएं ही लग पाईं।
कई प्रतिमाएं हैं मायावती की
मायावती की प्रतिमाएं हमेशा चर्चा में रही हैं। बसपा सरकार में जब मायावती की प्रतिमाएं लगी थीं तो विपक्ष ने इसे लेकर उन पर निशाना साधा था। तब आरोप लगा था कि जीवित रहते हुए प्रतिमाएं लगवाई जा रही हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक के मुख्य चौराहे के पास स्वर्गीय कांशीराम के साथ उनकी कांस्य की भव्य प्रतिमा लगी है तो आंबेडकर स्मारक की भीतरी सड़क पर दलित महापुरुषों की क्रमवार लगी प्रतिमाओं में पहले नंबर पर संगमरमर की प्रतिमा मायावती की है। मोहान रोड पर डॉ. शकुंतला दिव्यांग पुनर्वास विश्वविद्यालय परिसर में भी मायावती की प्रतिमा लगी है। कुछ समय पहले डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक के पास लगी मायावती की प्रतिमा तोड़े जाने के बाद उनकी प्रतिमाएं एक बार फिर सुर्खियों में आ गई थीं।
वर्ष 2005 में हुआ था निर्माण
बहुजन समाज प्रेरणा केंद्र का निर्माण वर्ष 2005 में किया गया था। बहुजन समाज पार्टी की केंद्रीय यूनिट की तरफ से इसकी स्थापना की गई थी।