बलिया में डेंजर निशान से 54 सेंटीमीटर ऊपर बह रही गंगा का पानी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. मीडियम फ्लड के करीब पहुंचने के बाद शनिवार की सुबह गंगा नदी का वेग थम गया। हालांकि इसके बाद भी दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं तथा कटान भी तेजी से हो रहा है। गंगा नदी की लहरें गंगा पार नौरंगा समेत अन्य गांवों से टकराकर बह रही है। नदी खतरा बिंदू से करीब 54 सेमी उपर बह रही है।
केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार की सुबह करीब आठ बजे गायघाट गेज पर नदी का जलस्तर 58.150 मीटर पर पहुंचकर स्थिर हो गया है। यहां नदी का खतरा बिन्दु 57.615 मीटर है जिससे पानी 54 सेमी ऊपर बह रहा है। यहां पर मीडियम फ्लड लेवल 58.610 मीटर दर्ज है।
सूत्रों की मानें तो जलस्तर के स्थिर होने के बाद भी नदी का तेवर तल्ख है। सबसे खराब हाल गंगापार की पंचायत नौरंगा की हुई है। यहां गांव से सटे उत्तरी दिशा की प्रधानमंत्री सड़क पर गंगा की लहरें सीधे प्रहार कर रही है। इसमें बस्ती के पूर्वी छोर स्थित सड़क की पुलिया व काफी लम्बाई के बीच की सड़क कटान की भेंट चढ़ चुकी है।
उधर बाढ़ का पानी गोपालपुर बस्ती के निचले इलाकों में पहुंच चुका है। इसके चलते ग्रामीणों का पलायन अब भी जारी है। लोग अपने घरेलू सामानों के साथ एनएच -31 के दूबेछपरा ढाला के पास सड़क की पटरियों से लगायत ट्रैक्टर-ट्राली, पिकअप आदि वाहनों से घरेलू सामानों को लेकर पहुंच रहे हैं। कई ऐसे लोग है जो घर-गृहस्थी के सामान के रिश्तेदारियों में शरण ले रहे हैं। बाढ़ व कटान पीड़ितों के सामने सबसे बड़ी समस्या पशुओं के लिये चारा का है। बाढ़ के पानी से अब तक सैकड़ों एकड़ मक्का, ज्वार व बाजरे की फसल डूब चुकी है।
सोनार टोला के पास तल्ख हुआ नदी का तेवर
कटान की जद में आ चुके ग्राम पंचायत गंगापुर के पुरवा बनिया व सोनार टोला के पास शनिवार को नदी का तेवर तल्ख हो गया है। यहां पर नदी की लहरों से बैकरोलिंग हो रही है। गांव के लोगों की मानें तो यह स्थिति काफी खतरनाक होती है तथा तेजी से कहरा कटान होता है। हालांकि यहां पर बाढ़ खंड को 3.70 करोड़ की लागत से दौ सौ मीटर लम्बाई में बचाव कार्य करना था। लेकिन बाढ़ विभाग के अधिकारियों की संवेदनहीनता से महज 70 मीटर काम होने के बाद ठेकेदार बीच में काम छोड़कर फरार हो गया।
फाटक खुलने से जलजमाव से राहत की उम्मीद
इलाके के देवपुर रेग्यूलेटर के दो फाटक शनिवार को खोल दिये गये। इसके बाद नौकागांव, बलिहार, अचलगढ़, छेड़ी आदि गांवों में जमा बाढ़ व बारिश का पानी निकल रहा है जिससे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। किसानों का कहना है कि जल जमाव के कारण उक्त इलाकों में खड़ी सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गयी है। उनका कहना है कि अगर पानी निकासी का इंतजाम नहीं होता तो पिछले साल की तरह इस वर्ष भी रवि की बुआई सम्भाव नहीं हो सकेगा। इस दौरान तहसीलदार बैरिया शिवसागर दूबे, बाढ़ खंड के अवर अभियंता आरके राय, कांग्रेस नेता विजय ओझा, सोनू मिश्र, ब्रजेश तिवारी, अशोक यादव, रामाशंकर सिंह, बहादुर तिवारी, आनंद पांडेय, सन्नी मिश्र आदि थे।
चंदा लगाकर कटान रोकने का प्रयास
बैरिया तहसील के गंगापार नौरंगा में पिछले तीन दिनों से नदी की लहरें कहर बरपा रही है। पानी बस्ती से सटे बंधे को मिटाने पर तुला हुआ है। हालांकि बाढ़ विभाग की संवेदनहीनता के चलते ग्रामीण खुद कटान से बचाव करने की जुगत कर रहे हैं। गांव के युवा कटान से बचाव के लिये पसीना बहा रहे हैं। वह चंदा लगाकर बचाव के लिये संसाधन खरीद रहे हैं। लेकिन कटान की गति थमने का नाम नहीं ले रही है। अपने संघर्ष के बुते युवा कटान को किस हद तक रोक पायेंगे यह तो समय के गर्भ में छिपा है।