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शर्मनाकः कोरोना पॉजिटिव मां को भर्ती कराकर भूल गए बेटे, मौत के तीसरे दिन लौटे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. मां, जो अपने बच्चों को कभी भी नहीं भूलती। मां, जो खुद सारी रात गीले में सोकर बच्चों का बिस्तर सुखाती रहती है। वही मां जब कोरोना जैसे खतरनाक वायरस की चपेट में आई तो बेटे भूल गए। हैलट अस्पताल में भर्ती कराकर कर्तव्य पूरा मान लिया। हद तो यह कर दी कि अपना मोबाइल नंबर और घर का पता तक गलत दर्ज कराया। अगले ही दिन मौत हो गई पर अंतिम संस्कार तक के लिए मां को दो दिन इंतजार करना पड़ा। 
कानपुर के बर्रा-दो की 56 वर्षीय महिला को परिवार के लोगों ने पांच सितम्बर को हैलट के कोविड वार्ड में भर्ती कराया था। अस्पताल की बीएचटी पर नाम, थाना और मोहल्ला सही दर्ज कराया। घर का पता और दो मोबाइल नंबर गलत दर्ज करा दिए। इसके बाद सभी चले गए। छह सितंबर को ही महिला की मौत हो गई। हैलट से सूचना देने के लिए घर पर फोन लगाया गया तो एक नंबर बंद मिला। दूसरा नंबर गलत बता रहा था। हैलट प्रशासन की सूचना पर बर्रा पुलिस भी सक्रिय हुई। मोहल्ले में खोजा, लेकिन संबंधित नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। लिहाजा पुलिस भी बर्रा-2 से खाली हाथ लौट आई। 

पुलिस के खौफ में फोन
8 सितंबर को मोहल्ले के कुछ लोगों ने मृतका के घरवालों को बताया कि पुलिस तलाश कर रही थी। शायद अस्पताल का कोई मामला है। इस पर घरवालों ने न्यूरो कोविड अस्पताल फोन किया तो मां की मौत की खबर लगी। इसके बाद भागे-भागे हैलट पहुंचे, तब शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।

संवेदनहीनता की हद कर दी
प्रो. प्रेम सिंह ने बताया कि दो बेटे अपनी मां को भर्ती कराकर गए थे। दोनों के नम्बर गलत थे। पुलिस घर के आस-पास पहुंच चुकी थी। कुछ लोगों ने खौफ में पुलिस को पता नहीं बताया। जब एक बेटे से पूछा कि दूसरा कहां है, उसने बताया कि वह दूसरे शहर नौकरी करने चला गया।

प्रो. प्रेम सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, हैलट ने बताया कि दो-दिन से शव रखा हुआ था। घरवालों का फोन आया तो उन्हें बताया गया कि महिला की मौत हो गई है। गलत पता देने पर एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। इसके बाद घरवाले आए। गलत फोन नम्बर से तीमारदारों को मरीज के बारे में जानकारी देने में परेशानी होती है। अक्सर ऐसा होता है कि लोग मोबाइल नम्बर या पता गलत लिखा देते हैं।

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