हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश यादव हत्याकांड: जालसाजी में शामिल सेक्शन अफसर अजय यादव गिरफ्तार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र के सेक्टर 14 स्थित बरौली क्रॉसिंग के पास बुधवार को दिन दहाड़े गोरखपुर के हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश यादव की हत्या कर दी गई थी. इसी कड़ी में पीजीआई थाने की पुलिस ने शुक्रवार रात सेक्शन अफसर (वित्त विभाग) अजय यादव को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस जब अजय यादव को कमरे पर लेकर पहुंची तो उसने अपनी चाभी से ताला खोला.
कमरे से 120 नौकरी संबंधी दस्तावेज, 3 ट्रॉली बैग फर्जी कागज समेत बड़ी मात्रा में बेरोजगारों को लजाल में फंसाने के दस्तावेज मिले. जिसमें ज्वानिंग लेटर, सचिवालय की मोहरें, सर्विस बुक समेत तमाम सामान था. उसके कमरे में ऐसो आराम के भी सभी संसाधन मौजूद थे. जिन चार जालसाजों को पुलिस ने इस मामले में पहले गिरफ्तार किया उनके भी अजय से जालसाजी के मामलों में गहरे नाते थे.
दरअसल पीजीआई इलाके में दुर्गेश यादव की हत्या की जांच करने जब पुलिस पहुंची तो उनकी आंखें खुली रह गई. जिस मकान में दुर्गेश रहता था वो सचिवालय के एक समीक्षा अधिकारी का था. कमरे में हर जगह खून बिखरा था. इससे साफ हो रहा था कि दुर्गेश और आरोपियों में मारपीट हुई थी. कमरे की तलाशी ली गई तो भारी मात्रा में फर्जी मार्कशीट और नौकरियों से जुड़े हुए दस्तावेज मिले. सचिवालय से जुड़े हुए भी कई कागजात और मुहर पुलिस को मौके से मिली थी.
एक प्रेस का आई कार्ड मिला जो दुर्गेश यादव के नाम पर था
पुलिस ने जब गहनता से छानबीन की तो पता चला कि मारा गया दुर्गेश यादव गोरखपुर के उरुवा बाजार थाने का हिस्ट्रीशीटर था, जिसके खिलाफ लूट, रंगदारी, फर्जीवाड़े के 8 मुकदमे गोरखपुर में दर्ज थे. सूत्रों के मुताबिक दुर्गेश के खिलाफ राजधानी लखनऊ में भी एफआईआर दर्ज हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये पूरा मामला फर्जी मार्कशीटों के जरिए सरकारी नौकरी के नाम पर ठगने वाले गिरोह से जुड़ा हो सकता है.