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खानपान में छुपा है सेहत का राज, विशेषज्ञों से जाने कैसे बढ़ाए प्रतिरोधक क्षमता

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कोरोना काल ने बच्चों-बड़ों सभी की पोषण की जरूरतों को बदल दिया है। बदलते मौसम और कोरोना से बचाव के लिए बच्चे-बड़ों के लिए मौसमी फल व जूस के अलावा औषधीय पेय पदार्थ खानपान में शामिल किए जा रहे हैं।
पौष्टिक आहार के प्रति जागरूक 
हर साल एक से सात सितंबर के बीच नेशनल न्यूट्रिशन वीक मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व, संतुलित और पौष्टिक आहार के प्रति जागरूक करना है। कोरोना काल में लोग शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जूस व औषधीय पेय पदार्थों का सेवन कर रहे हैं। खानपान में सेब, केला, पपीता, मौसमी और अनार जैसे फल शामिल हुए हैं। वहीं हल्दी वाला पानी, दूध और चाय के अलावा अदरक, पुदीना और नींबू की चाय, तुलसी, काली मिर्च और लौंग का काढ़ा पीना भी अब खानपान का अहम् हिस्सा है।

नाश्ते में शामिल हुए फल व जूस
कोरोना से बचाव के लिए जरूरी है कि नियमित सेब, मौसमी, अनार और पाइन एप्पल जूस नाश्ते में शामिल किया जाए। साथ ही अमरूद, पपीता कीवी और केले को भी खानपान का हिस्सा बनाएं। सेब को तो सुपर फूड कहा जाता है। इस समय उपलब्ध फलों में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है। इसलिए इनका सेवन मौसमी बदलाव और कोरोना वायरस से बचाव के लिए जरूरी है। ये फल पेट संबंधी रोगों से भी बचाते हैं।

मौसम ने बढ़ाया पेय पदार्थों और सूप का स्वाद
बदलते मौसम में औषधीय पेय पदार्थों के साथ वेजिटेबल और टमाटर सूप पीने से संक्रामक रोगों से बचाव किया जा सकता है। बदलते मौसम में खांसी, जुकाम व बुखार जैसी बीमारियां आम हैं। इसलिए हल्दी का पानी, दूध और चाय के अलावा अदरक, लौंग की चाय, तुलसी का काढ़ा और सूप पीकर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को आसानी से बढ़ाया जा सकता है।

इम्‍यूनिटि बनाए रखने में क्‍या है विशेषज्ञों का कहना
सभी फल-सब्जी मौसम के अनुसार ही हमें मिलती हैं और इन्हें खाने से हम स्वस्थ रहते हैं। लोग अब फास्टफूड की जगह हेल्दी फूड लेना और पेय पदार्थ पीना अधिक पसंद कर रहे हैं। डाइट प्लान भी बनवा रहे हैं, जिससे वह और उनका परिवार स्वस्थ रह सके।- डा. भावना गांधी खानपान विशेषज्ञ

प्रतिदिन खानपान में मौसमी फलों को शामिल किया जाए तो हम बहुत सी बीमारियों से निजात पा सकते हैं। यदि दिन में दो-तीन फल खाया जाए तो खांसी, जुकाम और बुखार जैसी बीमारी होने की आशंका काफी कम हो जाती है। इसलिए हमेशा मौसमी फल ही खाने चाहिए।- डा. गीतिका ग्रोवर, खानपान विशेषज्ञ 
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