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प्रयागराज के पूर्व ब्लॉक प्रमुख व माफिया दिलीप मिश्रा का लॉज जमींदोज, तोड़ने में 3 दिन लग गए

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. अतीक अहमद के बाद प्रयागराज की पुलिस और विकास प्राधिकरण ने माफिया दिलीप मिश्रा की संपत्तियों पर कार्रवाई शुरू है। माफिया व चाका के पूर्व ब्‍लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा का लॉज आखिरकार पीडीए ने पूरी तरह से जमींदोज कर ही दिया। प्रयागराज विकास प्राधिकरण को इसे तोड़ने की कार्रवाई में तीन दिन का समय भी लगा। जहां आलीशान लॉज था, वहां अब मलबा ही दिख रहा है। तीन मंजिला लॉज नैनी के औद्योगिक क्षेत्र में यूनाइटेड इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने बना था।

लगभग 900 वर्गमीटर में बनाया गया था लॉज

लॉज के बचे हिस्से को ढहाने पीडीए की टीम गुरुवार की देर शाम तक कार्रवाई करती रही। लॉज को गिराने से पहले पुलिस फोर्स ने दोनों तरफ करीब 200 मीटर तक बैरीकेडिंग करके ट्रैफिक को वनवे कर दिया था। दो जेसीबी और दो पोकलैंड, लॉज को जमींदोज करने में लगाई गई थी। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में लगभग 900 वर्गमीटर में बने लॉज को पूरी तरह जमींदोज कर दिया गया। विरोध की संभावना के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात रही।


लॉज की कीमत 10 करोड़ रुपये आंकी गई

तकरीबन 10 करोड़ की लागत से बने इस अवैध लॉज को गिराने की कार्रवाई रविवार को शुरू हुई थी। सोमवार को भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई थी लेकिन, पूरा लॉज नहीं ढहाया जा सका था। कार्रवाई का नेतृत्व जोनल अधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने की। आखिरी दिन पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौजूद नहीं रहे। इस लॉज को करीब 15 साल पहले बनवाया गया था। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) से नक्शा स्वीकृत नहीं कराया गया था।


दिलीप मिश्रा फतेहगढ़ जेल में बंद है

औद्योगिक थाना क्षेत्र के लवायन कला गांव निवासी पूर्व ब्लॉक प्रमुख दिलीप मिश्रा फतेहगढ़ जेल में बंद है। उस पर मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर भी हमला करवाने का आरोप है। सपा सरकार में यूनाइटेड इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने करीब 900 वर्ग मीटर में दिलीप मिश्रा ने तीन मंजिली इमारत बनवाई। उसमें नीचे दुकानें और ऊपर लॉज था। प्राधिकरण के अधिकारियों का दावा है कि दिलीप मिश्रा ने नियम विरुद्ध निर्माण करवाया था। इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी गई तो उन्होंने ध्वस्तीकरण का आदेश दे दिया।


बसपा सरकार में हुआ था सील

अधिकारियों का कहना है कि बसपा सरकार में इस लॉज को गैंगस्टर एक्ट के तहत सील किया गया था। उसके बाद से इसमें प्रशासन का ताला लटका था। इस कारण लॉज में सन्नाटा और दुकानें भी बंद थीं। इस कार्रवाई से माफिया के करीबियों को भी अब डर सताने लगा है।

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