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बलिया : मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह को कस्टडी में लेकर उसके घर पहुंची पुलिस, असलहे की तलाश

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. बलिया के दुर्जनपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ डब्लू को पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है। उसे जिला कारागार से सीधे रेवती थाना ले जाया गया है। उससे एक बंद कमरे में थाना प्रभारी/विवेचक प्रवीण कुमार सिंह ने पूछताछ की। इसके बाद धीरेंद्र को लेकर पुलिस उसके घर पहुंची।

बलिया के सीजेएम कोर्ट ने बुधवार को पुलिस रिमांड स्वीकार कर ली थी। धीरेंद्र को 22 अक्तूबर सुबह दस बजे से 24 अक्तूबर सुबह दस बजे तक 48 घंटे के लिए पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। कोर्ट ने अभियुक्त को अधिवक्ता साथ रखने की छूट दी है, जो पुलिस कार्रवाई में कोई हस्तक्षेप किए बिना दूर से कार्रवाई को देख सकता है।


पुलिस ने धीरेंद्र को 48 घंटों के रिमांड पर लेने के बाद मेडिकल चेकअप कराया। उसके बाद आरोपी को 11 बजे रेवती थाना लेकर आई। अधिवक्ता बृजेश सिंह थाने पर साथ रहे। बंद कमरे में आवश्यक पूछताछ करने के बाद पुलिस दुर्जनपुर स्थित उसके आवास पर ले गई। आवास पर पहुंचते ही घर की महिलाएं आरोपी से लिपट कर रोने लगीं। बताया जाता है कि पुलिस की प्राथमिकता वारदात में इस्तेमाल असलहे को बरामद करना है।  पुलिस असलहे की तलाश में जुटी है।


विवेचक/थानाध्यक्ष रेवती प्रवीण कुमार सिंह की ओर से अभियोजन अधिकारी अधिवक्ता ओंकार त्रिपाठी व शिवबचन राम ने रमेश कुशवाहा की कोर्ट में सात दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी पेश करते हुए कहा था कि 15 अक्तूबर को दुर्जनपुर गांव में जयप्रकाश पाल की हत्या के बाद अभियुक्त असलहे समेत फरार था। अधिवक्ता ने कहा कि कई मामलों के संबंध में पूछताछ करना जरूरी है। अभियुक्त ने असलहा कहां छिपाया है और चलकर बरामद करा सकता है ऐसी स्वीकारोक्ति की है।


बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता भुवाल सिंह ने मौखिक आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि अभियुक्त ने किसी वस्तु को बरामद कराए जाने की बात नहीं कही है। विवेचक द्वारा मनमाने ढंग से इसे अंकित किया गया है। पुलिस कस्टडी रिमांड इसलिए मांगी जा रही है कि अभियुक्त को अनावश्यक रूप से केस में फंसाया जा सके।


सीजेएम रमेश कुशवाहा ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला देते हुए कहा था कि पुलिस कस्टडी रिमांड इस शर्त के साथ स्वीकार की जाती है कि अभियुक्त को पुलिस कस्टडी रिमांड प्राप्त करने के पूर्व व न्यायिक अभिरक्षा में दाखिल करने से पूर्व चिकित्सकीय परीक्षण कराया जाएगा। कस्टडी के दौरान अभियुक्त पर अमानवीय व्यवहार का प्रयोग नहीं किया जाएगा। अभियुक्त चाहे तो अपना अधिवक्ता रख सकता है जो दूर से कार्रवाई देखेगा पर कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा।


ये था मामला :

बलिया जिले के रेवती थाना इलाके के दुर्जनपुर गांव के पंचायत भवन में 15 अक्तूबर को हनुमानगंज और दुर्जनपुर की कोटे की दुकानों के चयन को लेकर खुली बैठक की जा रही थी। इस दौरान विवाद हो गया। इसके बाद दोनों पक्षों में तनातनी शुरू हो गई। प्रशासन के विरोध में नारेबाजी हुई। देखते ही देखते ईंट-पत्थर चलने लगे।


इस दौरान पुलिस के सामने ही मुख्य आरोपी धीरेंद्र ने फायरिंग कर दी। इससे जयप्रकाश पाल (45) की गोली लगने से मौत हो गई। इस मामले में धीरेंद्र समेत आठ नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना के 72 घंटे के बाद यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के पॉलीटेक्निक चौराहे से मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया था।

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