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और मुखर हो सकती है सपा-बसपा की खींचतान, बसपा के कई नेता सपा में जाने की कर रहे तैयारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जिस तरह से बहुजन समाज पार्टी में सेंधमारी की है उससे दोनों पार्टियों के बीच की तकरार और मुखर हो सकती है। अखिलेश यादव से मिलकर बहुजन समाज पार्टी में बगावत करने वाले सात विधायकों को मायावती पहले ही निलंबित कर चुकी हैं। इनके अलावा कई और प्रमुख नेता भी अखिलेश यादव के संपर्क में हैं। गुपचुप तरीके से इनकी मुलाकात भी हो चुकी है। जल्द ही बसपा के कई नेता सपा में जाने की तैयारी कर रहे हैं।

अपनी पार्टी में बगावत से तिलमिलाई मायावती ने समाजवादी पार्टी को हराने के लिए भारतीय जनता पार्टी का साथ देने का सार्वजनिक ऐलान तक कर दिया। हालांकि, अखिलेश यादव ने मायावती के खिलाफ अभी तक एक भी शब्द नहीं बोला है लेकिन वे मौके का फायदा उठाने की तैयारी में जुटे हैं। निलंबित बहुजन समाज पार्टी विधायकों में गुरुवार को भी अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। 


वहीं, बसपा प्रमुख मायावती के ओएसडी रहे गंगाराम अंबेडकर भी अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुके हैं। गंगाराम अंबेडकर बसपा से अलग होकर मिशन सुरक्षा परिषद नाम के संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वे देशभर में दलितों को जोडऩे का अभियान चला रहे हैं। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि उनका सामाजिक संगठन है, जरूरत पडऩे पर 2022 में राजनीतिक तौर से भी मैदान में उतर सकते हैं।


समाजवादी पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि बसपा प्रमुख मायावती ने खुद भाजपा के समर्थन का ऐलान कर उनका राजनीतिक मकसद हल कर दिया है। इसलिए पार्टी अब इस मसले पर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। वह जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाह रही है। यही कारण है कि अखिलेश ने अभी तक इस मसले पर कुछ भी नहीं बोला है।

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