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रामनगरी में चौथा दिव्य दीपोत्सव 12 नवंबर से, 5 दिन तक चलेगा उत्सव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, अयोध्या। रामनगरी अयोध्या में त्रेतायुग जैसी दीपावली मनाने की परंपरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में शुरू की थी, इस बार वह अपने चौथे पड़ाव पर है। हर वर्ष की तरह इस बार भी दीप प्रज्ज्वलन का नया रिकॉर्ड बनने जा रहा है। दीपावली पर अयोध्या में चौथा दिव्य दीपोत्सव 12 नवंबर से शुरू होगा। सरयू तट पर यह दीपोत्सव 16 नवंबर तक चलेगा। यानी पांच दिन का दीपोत्सव आयोजित किया जाएगा।  इतना तय माना जा रहा है कि इस बार का दीपोत्सव पहले से अधिक भव्य स्वरूप में आयोजित किया जाएगा।

जिला प्रशासन ने कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दीं। 23 अक्टूबर को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजन समिति के सदस्यों की महत्वपूर्ण बैठक होगी। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक इसमें कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाएगा। जिलाधिकारी अनुज झा ने कार्यदायी संस्थाओं और दीपोत्सव से जुड़े विभागों के कार्यालयाध्यक्षों को कार्ययोजना के साथ बैठक में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने बताया कि दीपोत्सव मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों में है। इस आयोजन को भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए बैठक में कार्ययोजना प्रस्तुत की जाएगी।


वर्ष 2017 की दीपावली पर अयोध्या में प्रथम दीपोत्सव का आयोजन किया गया था। इसके बाद वर्ष 2018 व 2019 में भी दीपोत्सव को भव्य स्वरूप दिया गया, जिसमें न केवल दीयों को जलाने का रिकॉर्ड बना, बल्कि यह आयोजन देश के वैश्विक संबंधों को और मजबूत करने का जरिया भी बना। रामनगरी को पर्यटन के क्षितिज पर स्थापित करने में भी दीपोत्सव बेहद अहम कड़ी साबित हुआ है। पूर्व के आयोजनों को देखने के लिए सिर्फ स्थानीय ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों और दूसरे राज्यों से भी लोगों का अयोध्या आना हुआ।


बता दें कि रामनगरी अयोध्या मंदिर निर्माण भूमि पूजन के साथ ही दीपोत्सव की तैयारियां शुरू होने लगी थी। इसलिए अयोध्यावासी इस दीपोत्सव को यादगार बनाना चाहते हैं। स्थानीय प्रशासन ने पिछले वर्षों के मुकाबले दोगुना बजट की मांग की थी। इस वर्ष रामकथा पार्क से चरण सिंह घाट तक दीप जलाने की तैयारी है। राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद दीपोत्सव के लिए रामनगरी के साधु-संत और सभी राम भक्त बहुत उत्साहित हैं।

दीपोत्सव में अब तक बने रिकॉर्ड

2017 में एक लाख 65 हजार दीप जले।

2018 में तीन लाख 150 दीप जले।

2019 में पांच लाख 51 हजार दीप जले।

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