Today Breaking News

डॉक्टर पति और मासूम बेटे की हत्‍यारी को उम्रकैद, प्रेमी की भी जेल में कटेगी जिंदगी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. अपने डॉक्टर पति और मासूम बेटे की हत्या करने वाली शाहपुर बशारतपुर की अर्चना यादव और इस गुनाह में साझीदार रहे उसके प्रेमी अजय यादव को शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञान प्रकाश शुक्ल की कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। दोनों पर 65 हजार रुपये अर्थदण्ड भी लगाया गया है। अर्थदण्ड न जमा करने पर साढ़े तीन साल की कारावास अलग से भुगतनी पड़ेगी। 

20 जनवरी 2016 की रात में हुई हत्या की खबर 21 जनवरी 2016 की सुबह जैसे ही सामने आई, पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। अगले चौबीस घंटे में पुलिस ने जब खुलासा किया और पता चला कि हत्यारोपित कोई और नहीं डॉक्टर की पत्नी और उसका प्रेमी है तो लोगों के पैरोंं तले जमीन खिसक गई थी। कोर्ट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रविन्द्र सिंह और रमेश कुमार सिंह बताया कि शाहपुर थाना क्षेत्र के बशारतपुर अशोकनगर कालोनी निवासी आंख के डॉक्टर ओम प्रकाश यादव और उनके मासूम बेटे शिवा की घर की पहली मंजिल पर कमरे में लाश मिली थी।


डॉक्टर ओम प्रकाश की मां बागेश्वरी देवी ने इस मामले में शाहपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि बेटा ओम प्रकाश यादव अपने बेटे शिवा उर्फ नितिन के साथ कमरे में सोया था। बगल के कमरे में बहू अर्चना यादव सोई थी। रात में किसी समय लूट के इरादे से घर में घुसे अज्ञात बदमाशों ने बेटे और पोते की हत्या कर दी। इस मामले में विवेचना के बाद डॉक्टर ओम प्रकाश की पत्नी अर्चना यादव और फिरोजाबाद के शिकोहाबाद थाना क्षेत्र के स्वामीनगर निवासी अजय यादव का नाम प्रकाश में आया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया। साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने उनके खिलाफ यह सजा सुनाई।


प्रेमी ने पति तो अर्चना ने ली थी मासूम बेटे की जान 

अर्चना यादव और अजय पहले फेसबुक फ्रेंड बने। उनके बीच बातचीत का सिलसिला बढ़ा और प्रेम हो गया। अजय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक था। उन्होंने मिलने का फैसला किया और हत्या से करीब आठ महीने पहले लखनऊ में उनकी  पहली मुलाकात हुई थी। मुलाकात और नजदीकियां बढ़ीं फिर प्रेम परवान चढ़ने लगा। दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बनने लगा था। डॉक्टर जब कहीं बाहर जाने वाले होते तो अर्चना खबर कर देती और अजय घर आ जाता था। हत्या से पहले वह चार बार गोरखपुर आया और अर्चना से मिला तथा उसके ससुराल में ही रहा। उनके बीच की नजदिकियों ने डॉक्टर पति को रास्ते से हटाने का प्लान बना दिया।


20 जनवरी 2016 की रात में उन्होंने इस प्लान को अंजाम दिया। अजय ट्रेन से गोरखपुर पहुंचा और अर्चना के घर ही रूक गया। उस समय डॉक्टर ओम प्रकाश अपने बेटे के साथ पड़ोस में एक पार्टी में गए हुए थे। अर्चना ने तबीयत खराब होने का बहाना बनाया और प्रेमी के इंतजार में घर पर ही रूक गई। अजय यादव के आने के बाद उन्होंने फिजिकल रिलेशन बनाया। अर्चना ने अजय को एक कमरे में सुला दिया। डॉक्टर ओम प्रकाश अपने बेटे नितिन उर्फ शिवा के साथ आए और कमरे में सो गए। आधी रात को करीब 12 बजे अर्चना ने मोबाइल से फोन कर अजय को पति और बेटे के सोने की जानकारी दी। उसने धीरे से दरवाजा खोल दिया। हथौड़ा लेकर अजय कमरे में घुसा और नींद में ही डॉक्टर के सिर पर ताबड़तोड़ हथौड़े से प्रहार कर दिया। डॉक्टर को मौत की नींद सुलाने के दौरान पांच साल के बेटे नितिन उर्फ शिवा की नींद खुल गई। 


मां की करतूत कहीं बेटा उजागर न कर दे इसके लिए अर्चना ने उसका गला दबाकर जान ले ली। हत्या के बाद उन्होंने कमरे में सामान बिखेर दिया जिससे कि देखने से लूट के दौरान हत्या लगे। बाद में अजय को अर्चना ने घर के बाहर भेज दिया और दूसरे कमरे में कुंडी बंद कर सो गई। रात में वह बगल के कमरे में सोई और सुबह शोर मचाते हुए घटना की जानकार दी। मौके पर पहुंचे तत्कालीन एसएसपी लव कुमार को लूट पर शक हुआ। उन्होंने डा. ओम प्रकाश यादव के बड़े भाई पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर राजकुमार यादव को शक से अवगत कराया फिर पुलिस टीम ने तफ्तीश शुरू की और पूरी घटना सामने आ गई। घटना को अंजाम देकर अजय यादव ट्रेन के जरिये निकल रहा था। पुलिस टीम ने मोबाइल कॉल डिटेल सहित अन्य साक्ष्यों के आधार पर 24 घंटे के अंदर अजय को दबोच लिया।

'