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नवरात्र के पांचवें दिन देवी स्‍कंदमाता का पूजन, करें घर बैठे मां का दर्शन और जानें विधान

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. नवरात्र के पूरे नौ दिन नौ अलग अलग देवी के स्‍वरुपों की पूजा का विधान है। काशी में नौ देवियों के अलग अलग मंदिर स्‍थापित हैं। जहां पूर नवरात्र भर आस्‍था का अनवरत क्रम चलता रहता है। शारदीय नवरात्र की पंचमी तिथि को आदिशक्ति के स्वरूप स्कंदमाता की आराधना का विधान शास्त्रों और पुराणों में किया गया है। इस बार देवी का दर्शन 21 अक्टूबर, बुधवार को किया जा रहा है। काशी में देवी स्‍कंदमाता का मंदिर जैतपुरा क्षेत्र में स्थित बागेश्वरी देवी मंदिर परिसर में माना गया है। देवी के स्वरूप की आराधना से जहां व्यक्ति की संपूर्ण कामनाएं पूर्ण होती है वहीं उनके मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त हो जाता है। स्कंद यानि कार्तिकेय की माता होने के कारण ही देवी के इस स्वरूप को स्कंदमाता का नाम मिला है। काशी खंड और देवी पुराण के क्रम में स्कंद पुराण में देवी का भव्य रूप से वर्णन किया गया है।

देवी की मान्‍यता : ख्‍यात ज्‍योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार देवी आराधना के पर्व शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन जगदंबा के पंचम स्वरूप स्कंद माता के दर्शन पूजन का विधान है। स्कंदमाता की मान्यता बागेश्वरी देवी के रूप में भी मानी जाती है। भगवती की शक्ति से उत्पन्न सनत कुमार यानी स्कंद की माता होने से भगवती स्कंदमाता कहलाईं। सिंह पर सवार स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं। स्कंदमाता में मातृत्व है, वे सभी तत्वों की मूल बिंदु स्वरूप हैं। वह वात्सल्य स्‍वरूपा हैं। अतः उनकी साधना, आराधना से वात्सल्य और प्रेम की प्राप्ति होती है।


मंत्र साधना : देवी भगवती का 'सिंहासना गता नित्यम पदमाश्रितकर द्वया शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी' मंत्र से स्कंदमाता के ध्यान पूजन का विधान माना गया है।


आज का संदेश : मां विचार शक्ति प्रदान करने वाली हैं, देवी का यह स्वरूप विचारों की उच्चता का द्योतक भी है।


सोशल मीडिया पर मां की महिमा का बखान

सोशल मीडिया पर भी वाराणसी की स्‍कंद माता मंदिर का पोस्‍टर बुधवार की सुबह से ही वायरल होता रहा। यूपी पर्यटन विभाग की ओर से आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से मां की महिमा का बखान करता हुआ पोस्‍टर जारी किया गया। जबकि सोशल मीडिया टीम की ओर से सुबह आरती और पूजन का सीधा प्रसारण भी किया गया। जबकि दिन चढ़ने के साथ ही आस्‍था का ज्‍वार चढ़ता रहा और मंदिर में दर्शन पूजन शुरू हुआ तो सुबह दस बजे तक ही दो हजार से अधिक लोग मंदिर में दर्शन पूजन कर चुके थे।

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