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Ghazipur: बेड रेस्ट के नाम पर पंजाब की रोपड़ जेल ने गाजीपुर पुलिस को नहीं सौंपा डॉन मुख्तार अंसारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. पंजाब की रोपड़ जेल के प्रशासन ने कई मामलों में मुकदमे का सामना कर रहे उत्तर प्रदेश के मऊ विधानसभा से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को बेड रेस्ट के नाम पर उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने से इन्कार कर दिया है। अदालत में पेशी के लिए लेने आई उत्तर प्रदेश की पुलिस को जेल अधिकारियों ने बताया कि मुख्तार डिप्रेशन, रीढ़ की हड्डी में दर्द और शुगर की समस्या से पीडि़त है। वह यात्रा करने की स्थिति में नहीं है।

रोपड़ जेल के सुपरिंटेंडेंट दलजीत सिंह ने बताया कि मुख्तार अंसारी का मेडिकल 13 अगस्त 2020 को तीन डाक्टरों के बोर्ड ने किया था।


डाक्टरों ने मुख्‍तार को तीन माह के लिए बेड रेस्ट की सलाह दी है। गौरतलब है कि मुख्तार को उत्तर प्रदेश की जेल से फरवरी 2019 में रोपड़ जेल में शिफ्ट किया गया था। इस बीच मंगलवार को अंसारी को जेल से ले जाने के लिए गाजीपुर जिले की पुलिस पहुंची थी। इसमें 15 पुलिसकर्मी शामिल थे। रूपनगर के सिविल सर्जन डा.दविंदर कुमार समरा ने बताया कि मुख्तार अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट में रीढ़ की हड्डी में समस्या है। डिप्रेशन भी है और शुगर भी, उसे तीन माह सख्त बेड रेस्ट की सलाह दी गई है।


कई मामलों में आरोपित है मुख्तार अंसारी

मुख्तार अंसारी कई मामलों में आरोपित है। गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में अंसारी के खिलाफ केस दर्ज है। इस मामले में 21 अक्टूबर को अदालत में उसकी पेशी है। यही नहीं तरवां थाना क्षेत्र में हुई हत्या में मुख्तार समेत उसके आठ सहयोगियों पर केस दर्ज है। इस मामले में मुख्तार की पेशी 22 अक्टबूर को है। इस तरह मऊ और गाजीपुर जिले के मामलों को लेकर अब पुलिस के सामने पेशी को लेकर नई समस्‍या आ गई है। अब इन मामलों की सुनवायी को लेकर लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। वहीं अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग से भी सुनवायी की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।


पहले भी खाली हाथ लौटी थी उत्तर प्रदेश पुलिस

ये पहला मौका नहीं है, जब उत्तर प्रदेश पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा है। रूपनगर सिविल अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक मुख्तार अंसारी की पहले फरवरी में स्वास्थ्य जांच की गई थी। इसके बाद उसे पुलिस को नहीं सौंपा गया था।


मुख्तार अंसारी कई मामलों में आरोपित है। गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में अंसारी के खिलाफ केस दर्ज है। इस मामले में 21 अक्टूबर को अदालत में उसकी पेशी है। यही नहीं तरवां थाना क्षेत्र में हुई हत्या में मुख्तार समेत उसके आठ सहयोगियों पर केस दर्ज है। इस मामले में मुख्तार की पेशी 22 अक्टबूर को है। इस तरह मऊ और गाजीपुर जिले के मामलों को लेकर अब पुलिस के सामने पेशी को लेकर नई समस्‍या आ गई है। अब इन मामलों की सुनवायी को लेकर लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। वहीं अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग से भी सुनवायी की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।


मुख्‍तार के समर्थकों में चिंता

गाजीपुर जिले में मुख्‍तार के समर्थकों में यूपी में मुख्‍तार की सुरक्षा को लेकर खतरा महसूस किया जा रहा है। समर्थक मान रहे हैं कि यूपी में जिस तरह अपराधियों को लाते समय दो अपराधियों की मौत हुई है उसी के क्रम में मुख्‍तार को वाहन से लाने पर उनको भी नुकसान हो सकता है। दबी जुबान से उनके समर्थक उनके यूपी में न आने की ही कामना कर रहे हैं।

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