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दो हजार किमी पैदल चलकर पाकिस्तान से सोनभद्र वापस आए शोभनाथ ने बतायी आपबीती

गाजीपुर न्यूज़ टीम, सोनभद्र. पाकिस्तान सीमा से वापस आये ग्राम पंचायत पनारी के शोभनाथ ने बताया कि वे तमिलनाडु से पैदल ही पाकिस्तान सीमा तक पहुंच गए। पूरी यात्रा के दौरान अनपढ़ और गैर हिंदी भाषी क्षेत्र के होने के कारण वे भटकते रहे। काफी समय तक कई जगहों पर उन्हें काम के बदले केवल खाना दिया गया। मंगलवार को ग्राम पंचायत पनारी के करमसार में उनका स्वागत किया गया। 

उन्हें वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ग्राम पंचायत सदस्य लक्ष्मण यादव ने उन्हें शॉल भेटकर उनका अभिनंदन किया। इस दौरान राम चंद्र गोंड़, राम दुलारे गोंड़, अजय कुमार, सुनील कुमार, जगरदेव, वृहस्पति गोंड़, राम विचार, दीप नारायण यादव, सूरज एवं जामुन सिंह मौजूद रहे। किन जगहों से शोभनाथ गुजरे इस बारे में वे ज्यादा नहीं बता पाये, लेकिन इतना बताया कि वे आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश के बाद गुजरात पहुंचे।


बताया कि उधर की भाषा समझ में नहीं आयी और उधर वाले उनकी भाषा नहीं समझ पाए। कई जगहों पर वे मदद मांगते रहे, लेकिन मदद नहीं मिल पायी। बताया कि दो वर्ष पहले टेढितेन के एक युवक द्वारा उसे तमिलनाडु ले जाया गया। वह मुझे छोड़कर वहां से चला गया। कुछ दिन बाद बिना पैसा दिए उन्हें काम से निकाल दिया गया। पैसा नहीं होने के कारण वे कई दिनों तक भूखे इधर उधर भटकते रहे। अपने गांव के तलाश में वे पैदल ही निकल पड़े। लगभग डेढ़ वर्ष भटकते हुए वे गुजरात पहुंचे। वे कई जगहों पर मवेशियों की देखभाल और स्टेशनों पर अपना पेट भरते रहे। लॉकडाउन के दौरान उनका काफी समय रेलवे स्टेशन पर बीता। 


सोनभद्र आने की धुन में ही वे पाकिस्तान की ओर चले गए। दरअसल शोभनाथ दो वर्ष से गायब थे। सितंबर के अंतिम सप्ताह में शोभनाथ को गुजरात के जिला बानस कठा में पकिस्तान की सीमा पर बीएसएफ ने गस्त के दौरान पकड़ा था। बीएसएफ ने शोभनाथ से पूछताछ करने के बाद उसे गुजरात पुलिस को सौंप दिया था। पिछले 15 दिनों से वह गुजरात पुलिस की ही निगरानी में थे। गुजरात पुलिस ने पनारी ग्राम प्रधान को शोभनाथ के बारे में सूचना दी थी। इसके बाद परिजन उन्हें लेने गुजरात गए थे। सोमवार सुबह 10 बजे के करीब वे ट्रेन से चोपन रेलवे स्टेशन पहुंचे। घर पहुंचते ही परिजनों सहित गांव वालों ने उन्हें गले लगा लिया।

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