शबाना आजमी का 'रोजगार ढाबा' गांवों में बांट रहा रोजगार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, आजमगढ़. सिने तारिका शबाना आजमी का 'रोजगार ढाबा' गांवों में रोजगार बांट रहा है। कुशल-अकुशल दोनों ही बेरोजगार इसका लाभ उठाने लगे हैं। शबाना की संस्था के लोग गांवों में सर्वे कर बेरोजगारों का ब्योरा वेबसाइड पर अपलोड कर रहे हैं। इसके जरिए कारपोरेट सेक्टर, उद्यमी, कारोबारी अपनी जरूरत के मुताबिक लोगों रोजगार देने लगे हैं। समाजसेवा के क्षेत्र में अमिट लकीर खींच चुकी शबाना की मेजवां वेलफेयर सोसायटी ही 'रोजगार ढाबा' वेबसाइट को संचालित कर रही, लिहाजा शुरुआत में 450 लोगों को रोजगार मिल चुका है।
रोजगार ढाबा ऐसे करता है काम
मेजवां वेलफेयर सोसायटी के सर्वेयर गांवों में पहुंच रहे हैं। कुशल, अकुशल लोगों के बारे में विस्तृत जानकारी जुटा रहे हैं। उनका रोजगार ढाबा वेबसाइट पर पंजीकरण किया जा रहा है। प्रत्येक पंजीकरण के लिए 10 रुपये लिए जा रहे हैं। वेबसाइट के जरिये विभिन्न कंपनियां अपनी जरूरत बता रहीं तो जरूरतमंद कामगारों को उनके तक भेजा जा रहा है। उसके बाद फीडबैक भी लिया जा रहा, ताकि कामगारों को कोई परेशानी न होने पाए। सर्वेयर फिलहाल पूर्वांचल के गाजीपुर, बलिया, चंदौली व मीरजापुर तक कुशल व अकुशल लोगों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं।
एचडीएफसी बैंक ने दिखाई रुचि
बेरोजगारों को काम उपलब्ध कराने की योजना कुछ दिनों में ही चर्चित हो चली है। कुछ ऐसी कि प्रोजेक्टर को और प्रभावशाली बनाने के लिए एचडीएफसी बैंक ने भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। बैंक ने फिलहाल आर्थिक सहयोग देने की बात कही है।
इनका हो रहा पंजीकरण, भविष्य का प्लान
रोजगार ढाबा में आइटीआइ, पालीटेक्निक डिप्लोमाधारक, राजगीर, बढ़ई, पेंटर और अकुशल श्रमिकों का पंजीकरण किया जा रहा है। गांवों में संपर्क के दौरान वृद्धा, विधवा व दिव्यांग पेंशन जैसी योजनाओं से वंचित लोगों का भी पंजीकरण कराकर उन्हें लाभान्वित किए जाने की योजना है।
जिलावार पंजीकरण व लाभान्वितों की संख्या
-आजमगढ़........600.....450
-मीरजापुर.............50.....शून्य
-गाजीपुर...........800......शून्य।
-बलिया............100......शून्य।
-चंदौली............700......शून्य।
(वाराणसी, अंबेडकर नगर व मऊ में जल्द स्थापित होगा रोजगार ढाबा)
बोले संस्था के पदाधिकारी
''शबाना आजमी की पहल पर रोजगार ढाबा की स्थापना की गई है। कई अन्य जिलों में भी शुरुआत हो चुकी है। आजमगढ़ में तो काफी ालोग लाभांवित हो चुके हैं। सूचना केंद्र के माध्यम से बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने में सोसायटी का यह नया प्रयास नए भारत की परिकल्पना को साकार करेगा। -आशुतोष त्रिपाठी, डिप्टी मैनेजर, मेजवा वेलफेयर सोसायटी।
