Today Breaking News

जानें पूर्वांचल में कहां शुरू हुई हजार खूबियों वाले काले गेहूं की खेती

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. गोरखपुर-बस्ती मण्डल के किसानों को पीआरडीएफ के चेयरमैन वैज्ञानिक डॉ राम चेत चौधरी ने काला गेहूं पैदा करने के लिए न केवल जागरूक किया, बल्कि 60 एकड़ क्षेत्रफल के लिए बीज भी किसानों को उपलब्ध कराया है। दोनों मण्डलों में अलग अलग क्षेत्र के तकरीबन 100 किसान इस गेहूं की बोआई कर रहे हैं। दावा है कि गेहूं की इस प्रजाति में प्रोटीन और एंटी ऑक्सीडेंट ज्यादा है, मधुमेह से पीड़ित लोगों के भी खाने योग्य है।

काले गेहूं पर रिसर्च नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट नाबी मोहाली पंजाब की कृषि वैज्ञानिक डॉ. मोनिका गर्ग ने 2010 से किया था। उसके बाद तैयार काला गेहूं का नाम डॉ. मोनिका के नाम पर नाबी एमजी रखा गया। मुजफ्फरनगर, हापुड़, मेरठ, गाजियाबाद, चंदौली और बागपत में काले गेहूं की बुआई पहले ही की जा रही है। हेरिटेज फाउंडेशन के ट्रस्टी नरेंद्र कुमार मिश्र कहते हैं कि स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खेती किसानी में नवाचार के लिए किसानों को प्रेरित कर रहे हैं। ऐसे में कालानमक के बाद काला गेहूं की ओर गोरखपुर-बस्ती मण्डल का किसानों का बढ़ता रुझान दूसरों को भी प्रेरित करेगा। 


30 नवंबर तक करें बोआई 

पारंपरिक बीज से अलग काले गेहूं के शोधित बीज की बोआई करने से किसानों को निश्चित ही फायदा होगा। खेत में पर्याप्त नमी हो तो 30 नवंबर तक बोआई कर सकते हैं। पार्टिसिपेटरी रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन ने 24 क्विंटल के करीब पंजाब से काला गेहूं का बीज मंगाकर गोरखपुर और बस्ती मण्डल में 100 किसानों को 60 एकड़ में बोआई के 100 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराया। प्रति एकड़ इसकी पैदावार 15 से 16 क्विंटल और 35 से 40 रुपये प्रति किलोग्राम बिक्री की संभवना है। 


सामान्य गेहूं की अपेक्षा ज्यादा फायदेमंद है काला गेहूं

डॉ रामचेत चौधरी बताते हैं कि काले गेहूं के नियमित सेवन से शरीर को सही मात्रा में फाइबर मिलता है। यह फाइबर पेट के रोगों में राहत देता है। फास्फोरस तत्व शरीर में नए ऊतक बनाने के साथ उनके रखरखाव में अहम भूमिका निभाते हैं। काले गेहूं की प्रजाति (नाबी एमजी) में आयरन, जिंक और एंटी ऑक्सीडेंट सामान्य गेहूं की प्रजातियों से ज्यादा हैं। ट्राइग्लिसराइड तत्वों की मौजूदगी के कारण इसके इस्तेमाल से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। प्रति 100 ग्राम काले गेहूं में कैलोरी 343, पानी 10 प्रतिशत, प्रोटीन 13.3 ग्राम, कार्बन 71.5 ग्राम, शर्करा 0 ग्राम, फाइबर 10 ग्राम और वसा 3.4 ग्राम होती है। 


कैंसर से बचाएगा, त्वचा पर जल्द नहीं पड़ेगी झुर्रियां

खाना खाने के बाद जब हमारे शरीर में ऑक्सीजन किसी अन्य पदार्थ के साथ मिल कर फ्री रेडिकल्स बनाते हैं जिससे त्वचा सुकुड़ने लगती है। लोग जल्दी बुजुर्ग हो जाते हैं। कई बार लोग कैंसर जैसी बीमारी के शिकार हो जाते हैं। काला गेहूं में सामान्य गेहूं के मुकाबले एनथोसाइनिन की मात्रा अधिक होती है। सामान्य गेहूं में एनथोसाइनिन की मात्रा 5 से 15 पीपीएम होती है,जबकि काले गेहूं में एनथोसाइनिन मात्रा 40 से 140 पीपीएम होती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इसमें कैंसर को रोकने वाले वाले गुण भी है।

'