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मुख्तार अंसारी का शस्त्र लाइसेंस मामले में बना ज्यूडिशियल रिमांड, न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. शस्त्र लाइसेंस मामले में सदर विधायक मुख्तार अंसारी ज्यूडिशियल रिमांड के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय के समक्ष पेश हुए। पंजाब प्रांत के मोहाली जेल से उनकी पेशी सोमवार को सीजेएम अदालत में कराई गई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद शर्मा ने इस मामले में सदर विधायक को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लेने का जेल अधीक्षक मोहाली को आदेश दिया। सीजेएम ने विवेचक के आवेदन पर यह आदेश पारित किया।

मऊ सदर विधायक पंजाब प्रांत के रूपनगर मोहाली की जेल में एक अन्य मामले में निरुद्ध हैं। स्थानीय जनपद के दक्षिण टोला थाने में फर्जी शस्त्र लाइसेंस के मामेल में धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी व 30 आम्र्स एक्ट का मामला उनके खिलाफ दर्ज किया गया है। इस मामले में ज्यूडिशियल रिमांड के लिए विवेचक के आवेदन पर न्यायालय ने बीते 21 सितंबर को वारंट बी जारी किया था। मुख्तार अंसारी की पेशी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद शर्मा की अदालत में बुधवार 21 अक्टूबर को होनी थी किंतु वहां की जेल से सदर विधायक के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए वीडियो कांफ्रेसिंग से रिमांड बनाने की अपील की गई। वहीं मुख्तार अंसारी के वकील दारोगा सिंह ने सीजेएम न्यायालय में आवेदन दिया है कि मुख्तार अंसारी अस्वस्थ हैं। मोहाली पंजाब से यहां तक की यात्रा करने में वे असमर्थ हैं। इसलिए वीडियो कांफ्रेसिंग से ही ज्यूडिशियल रिमांड बनाया जाए। इस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले के विवेचक को 23 अक्टूबर को मय मामले की केस डायरी के साथ तलब किया था। विवेचक ने अदालत से आवेदन कर ज्यूडिशियल रिमांड के लिए मोहाली जेल से मुख्तार अंसारी को अदालत में तलब करने की अपील की। सीजेएम ने केस डायरी व जेल अधीक्षक मोहाली व सदर विधायक के अधिवक्ता दारोगा सिंह को सुनकर वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से अभियुक्त की उपस्थिति में ज्यूडिशियल रिमांड स्वीकृत किया।


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