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हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की आज से फिर शुरू हुई ऑनलाइन बुकिंग, 2 मिनट में जानें सभी नए नियम

ग़ाज़ीपुर न्यूज़ टीम. ऑटो डेस्क, आज से दिल्ली में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) और कलर कोडेड स्टिकर की ऑनलाइन बुकिंग फिर से शुरू हो गई है। बता दें कि दिल्ली सरकार ने नई बुकिंग पर रोक लगा रखी थी, जिसे रविवार से हटा दिया गया है। दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया है कि एचएसआरपी और कोडेड स्टिकर लगाने की पूरी प्रक्रिया की ग्राहकों को एसएमएस के जरिए जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा ग्राहकों को होम डिलीवरी का भी विकल्प दिया जाएगा। 

दरअसल ऑनलाइन बुकिंग की प्रक्रिया में लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इसके चलते दिल्ली सरकार ने नई बुकिंग पर रोक लगा दी थी। 


सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों के प्रमुख सचिवों, परिवहन आयुक्तों को एचएसआरपी को बदलने संबंधी नए नियमों की सूची भेजी है। इसके मुताबिक वाहनों में लगी हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट अगर खो जाती है, चोरी हो जाती है या टूट जाती है, तो वाहन मालिक को एफआईआर दर्ज करानी होगी। इसके बाद एफआईआर की कॉपी को वाहन- 4 पोर्टल पर अपलोड करना होगा, जिसके बाद नई एचएसआरपी लग पाएगी। इसके अलावा एचएसआरपी केवल परिवहन विभाग की तरफ से अधिकृत कंपनी या वाहन के डीलर्स ही लगा सकेंगे। 


अलग-अलग वाहनों के लिए एचएसआरपी की कीमतें अलग-अलग हैं। जैसे कार के लिए इसकी कीमत 600 से 1000 रुपये के बीच है। वहीं, दो पहिया वाहनों के लिए इसकी कीमत 300 से 400 रुपये तक है।

अब हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) और कलर कोडेड स्टीकर के लिए ऑनलाइन आवेदन करना आसान हो गया है। ऑनलाइन पोर्टल पर अब आपको किसी भी तरह के डॉक्युमेंट को अपलोड करने की जरूरत नहीं है। दरअसल आवेदन प्रक्रिया से अब गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और आईडी प्रूफ की सॉफ्ट कॉपी को अपलोड करने की शर्त को हटा दिया गया है। अब एचएसआरपी और कलर कोडेड स्टीकर के लिए ऑनलाइन आवेदन करने पर आपको केवल गाड़ी का इंजन नंबर और चेसिस नंबर भरना होगा।


हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगवाने में उन सभी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं, जिनके वाहन को बनाने वाली कंपनियां अब बंद हो चुकी हैं। दरअसल मित्सुबिशी, देवू मटीज और शेवरले जैसी कई कार कंपनियां अब भारत में बंद हो चुकी हैं। ऐसे में अब देखना है कि प्रशासन ने इस परेशानी का क्या समाधान निकाला है?

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