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उप्र बोर्ड के स्कूल छमाही परीक्षा को लेकर ऊहापोह में, पढ़ाई तो ऑनलाइन हुई, परीक्षा कैसे कराएं

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों छमाही परीक्षाएं हो गई हैं। रिजल्ट भी वितरित हो गए। छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन रिजल्ट भी मिल गया। मगर यूपी बोर्ड के विद्यालय अभी छमाही परीक्षा को लेकर ऊहापोह में हैं। ऑनलाइन परीक्षा कराने में ये विद्यालय अपने को समर्थ नहीं मान रहे हैं। ऑफलाइन परीक्षा के लिए सभी छात्रों को एक साथ बुलाना फिलहाल संभव नहीं है। इन स्कूलों के प्रधानाचार्यों को अभी शासन की गाइडलाइन का इंतजार है।

प्रधानाचार्यों के मुताबिक दो प्रकार की समस्याएं हैं। पहली यह है कि भले ही विद्यालय ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं, लेकिन काफी संख्या में बच्चों तक यह पहुंच नहीं पा रही है। इस पर कोई खुलकर बोलना नहीं चाहता है। ऐसे में सीबीएसई और आईसीएसई की तरह इन बच्चों के लिए ऑनलाइन परीक्षा कराना संभव नहीं होगा। इसका कारण यह है कि बच्चों के पास जब ऑनलाइन पढ़ाई के लिए संसाधन नहीं है तो वे ऑनलाइन परीक्षा कैसे दैंगे।


दूसरी बात यह है कि कक्षा नौ से 12 तक के छात्र-छात्राओं को स्कूल बुलाया जा रहा है। मगर उपस्थिति काफी कम है। शुरुआत में संख्या बीस फीसदी थी, जो बढ़कर 38 फीसदी तक गई। उम्मीद थी कि दशहरे के अवकाश के बाद संख्या बढ़ेगी, मगर ऐसा हुआ नहीं। शासन की ओर से जो मानक तय किये गये हैं उसके अनुसार भी 50 फीसदी से अधिक बच्चों को नहीं बुला सकते हैं। कक्षा छह, सात और आठ के छात्र-छात्राएं अभी स्कूल आ ही नहीं रहे हैं। इसलिए सभी छात्र-छात्राओं को एक साथ कैसे बुलाया जाय या इसका क्या विकल्प होगा? इस पर शासन की गाइडलाइन नहीं है। इसलिए अब दीपावाली बाद इस मुद्दे को उठाया जाएगा। 


प्रधानाचार्य परिषद के जिलाध्यक्ष और भारतीय शिक्षा मंदिर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. चारूचंद्र त्रिपाठी का कहना है कि इस साल छमाही परीक्षा हो पाएगी, इसको लेकर संदेह है। स्कूलों के सामने जो परिस्थितियां हैं, उसमें कई मुश्किलें आ रहीं हैं। दीपावली बाद चर्चा होगी। परिषद के महामंत्री डॉ. श्रीप्रकाश सिंह के मुताबिक सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों से यूपी बोर्ड की तुलना नहीं की जा सकती है। प्रधानाचार्यों में अभी मंथन चल रहा है कि परीक्षा कैसे कराई जाए। नवंबर में छमाही इम्तहान हो जाने चाहिए।

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