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UP Overloading Scam: ग़ाज़ीपुर समेत 18 जिलों के एआरटीओ से पूछताछ करेगी एसआइटी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने करोड़ों रुपये के ओवरलोडिंग घोटाले की जांच में भी अपने कदम बढ़ाए हैं। एसआइटी अब ग़ाज़ीपुर समेत 18 जिलों के तत्कालीन एआरटीओ से जल्द पूछताछ की तैयारी कर रही है। सभी को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा।

एसटीएफ ने गोरखपुर में करोड़ों रुपये का ओवरलोडिंग घोटाला पकड़ा था। तब गोरखपुर में परिवहन अधिकारियों व ढाबा संचालक धर्मपाल की सांठगाठ से ओवरलोड वाहनों से करोड़ों की अवैध वसूली का खेल सामने आया था। एसटीएफ ने धर्मपाल समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार किया था। गोरखपुर के बेलीपार थाने में इसे लेकर बीते जनवरी माह में एफआइआर भी दर्ज कराई गई थी। बाद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की जांच एसआइटी को सौंपने का निर्देश दिया था।


शासन के आदेश पर बीते मार्च माह में एसआइटी ने गोरखपुर में दर्ज कराई गई एफआइआर की विवेचना शुरू की थी। ओवरलोडिंग घोटाले में उसकी जांच का दायरा अन्य जिलों में बढ़ता चला गया था। जांच में सामने आया था कि परिवहन अधिकारियों व कर्मियों की मिलीभगत से करीब 15 साल से हाईवे पर ओवरलोड वाहनों को पास कराकर सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि पहुंचाई जा रही थी।


एसआइटी अब इस मामले में गोरखपुर, ग़ाज़ीपुर, संतकबीरनगर, मऊ, मीरजापुर, चंदौली, वाराणसी, प्रयागराज, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बलिया, जौनपुर व सोनभद्र समेत 18 जिलों के तत्कालीन एआरटीओ से पूछताछ करने जा रही है। सूत्रों का कहना है कि एसआइटी को जांच के दौरान कई रजिस्टर मिले थे, जिसमें अवैध वसूली की काली कमाई से जुड़े लोगों का ब्योरा भी दर्ज था।


बता दें कि यूपी एसटीएफ ने गोरखपुर में करोड़ों का ओवरलोडिंग घोटाला पकड़ा था। परिवहन विभाग के अधिकारियों व ढाबा संचालक धर्मपाल की सांठगाठ से ओवरलोड वाहनों से करोड़ों की वसूली का खेल सामने आया था। एसटीएफ ने धर्मपाल समेत छह आरोपितों को गिरफ्तार कर एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले के तार कई जिलों से जुड़े होने के तथ्य सामने आने पर शासन ने इस घोटाले की जांच एसआइटी के हवाले कर दी थी।

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