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जनवरी तक आ जाएगी कोरोना वैक्‍सीन: सीएम योगी आदित्‍यनाथ

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. कोरोना वैक्‍सीन का इंतजार इस समय पूरी दुनिया बड़ी बेसब्री से कर रही है। इस बीच गुरुवार को गोरखपुर में सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने जनवरी तक वैक्‍सीन के आ जाने की सम्‍भावना जताई। 

उन्‍होंने कहा कि जब तक वैक्‍सीन नहीं आ जाती तब तक कोरोना से खुद को बचाना होगा। इसके लिए आपस में दूरी बनाने और मास्‍क लगाने जैसे उपायों को अपनाते रहना होगा। सीएम योगी महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 88 वें संस्‍थापक सप्‍ताह समारोह में बोल रहे थे। पीएम मोदी की  जमकर तारीफ करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पहले भारत पूरी दुनिया को देखता था आज हम दुनिया के अग्रणी देशों में पहुंच चुके हैं। आज अमेरिका, ब्रिटेन सहित दुनिया भर के देश भारत की ओर देख रहे हैं। यह मुमकिन हुआ है तो उस नेतृत्‍व की वजह से, जिसमें देश के विकास के लिए प्रतिबद्धता है। 


सीएम योगी ने कोरोना की चुनौतियों पर विस्‍तार से चर्चा की। उन्‍होंने कहा कि इस समय महराणा प्रताप शिक्षा परिषद के लिए संस्‍थापक सप्‍ताह समारोह कराना भी बड़ी चुनौती था। लेकिन परिषद के पदाधिकारियों, प्राचार्यों और छात्र-छात्राओं ने एक बार फिर दिखा दिया कि विपत्ति आपको एक अवसर देती है और सफलता आपको चुनौती। दोनों के बीच सामंजस्य स्‍थापित करने वाला ही सफल होता है। हमें कोरोना से भी लड़ना होगा और शिक्षा जगत के कार्यों को भी कोरोना से बचाते हुए करना होगा।


संस्थापक सप्ताह समापन समारोह में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि गुलामी के काल खंड को छोड़ दें तो भारत वैदिक काल से ही ज्ञान पिपाशु रहा है। इसी नाते उसे विश्वगुरु का दर्जा हासिल था। ऋग वैदिक काल एवं उसके पहले यह ज्ञान साधारण ज्ञान नहीं था बल्कि इसे हमारे पूर्वजों ने तत्व ज्ञान कहा। जो तत्व ज्ञानी है, उसकी अभिव्यक्ति कैसी होगी? गुरु गोरखनाथ की वाणी के दो शब्दों में समझ सकते हैं। वे कहते हैं कि ज्ञानी, दूसरे लोग लिख नहीं पाते वह लिख लेता है। ज्ञानी, जो दूसरे लो देख नहीं पाते देख लेता है। ज्ञानी, जो दूसरे लोग स्पर्श नहीं पाते उसे स्‍पर्श कर लेता है। इस ज्ञान परम्परा के चलते भारत सारी दुनिया का गुरु कहा जाता था। इस ज्ञान परम्परा को लेकर भारत के लोगों में गर्व है। लेकिन स्वतंत्रता के बाद यह आग्रह घटता चला गया। ऐसे पढ़े लिखे समुदायक का विकास हुआ जो भारतीय धर्म संस्कृति को हिकारत के भाव से देखता था। यहां के छद्म प्रगतिशील विद्यानों ने दुनिया को बताया कि भारत में प्राप्त किए जाने योग्य कोई ज्ञान धारा नहीं है। भारत का दर्शन भाववादी है जिसमें तर्क नहीं है। लेकिन कुछ ऐसे भी थे जो अपनी संस्कृति को पोषित कर रहे थे। इसका प्रभाव भी पड़ा।


कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रत  देव सिंह, राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल आरपी शाही, दिगम्बर अखाड़ा अयोध्या के महंत सुरेश दास, स्वामी राघवाचार्य, देवीपाटन शक्तिपीठ के महंत योगी मिथिलेश दास, सिद्धार्थ विश्विद्यालय के कुलपति प्रो सुरेंद्र दुबे, राम मनोहर लोहिया विश्विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो रामअचल सिंह, वाराणसी से आए संत संतोष दास, सांसद रविकिशन, जयप्रकाश निषाद, विधायक फतेह बहादुर सिंह, महेंद्र पाल सिंह, शीतल पांडेय, संगीता यादव, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी आदि उपस्थित रहीं। अतिथियों का स्वागत एमपी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर यू पी सिंह ने किया।

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