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विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश का मकान कुर्क, 20 हजार का इनाम है घोषित

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. गैंगस्टर विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश उर्फ दीपक के मकान की कृष्णा नगर पुलिस ने शुक्रवार को कुर्की की। दीप प्रकाश पर 20 हजार का इनाम घोषित है। आरोपित बिकरूकांड के बाद से फरार है। कृष्णानगर कोतवाली में दीप प्रकाश पर दो मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर के मुताबिक आरोपित की लंबे समय से तलाश की जा रही है, हालांकि वह फरार है। कोर्ट से अनुमति लेकर दीप प्रकाश की संपत्ति कुर्क की गई है। 

पुलिस ने आरोपित के मकान पर नोटिस चस्पा की थी। इसके बावजूद दीप प्रकाश हाजिर नहीं हुआ, जिसके बाद शुक्रवार को कुर्की की कार्रवाई की गई। डीसीपी मध्य ने बताया कि आरोपित के खिलाफ फर्जी दस्तावेज से कार हड़पने की एफआइआर दर्ज थी। एसआइटी ने जांच रिपोर्ट में दीप प्रकाश पर जालसाजी समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज करने की संस्तुति की थी। 24 नवंबर को उसके खिलाफ एक और मुकदमा पंजीकृत हुआ था।

दरअसल, वर्ष 2017 में एसटीएफ ने विकास दुबे को कृष्णानगर से पकड़ा था। विकास को कृष्णानगर कोतवाली में आर्म्स एक्ट के तहत दाखिल भी किया गया था। पूछताछ में सामने आया था कि विकास अपने भाई दीप प्रकाश के नाम से दर्ज प्रतिबंधित बोर का असलहा लेकर चलता था। दीप प्रकाश ने विकास दुबे की जमानत कराई थी। इस दौरान उसने विकास पर पूर्व में दर्ज मुकदमों का ब्योरा छिपा लिया था। यही नहीं एसआइटी ने तत्कालीन इंस्पेक्टर कृष्णानगर अंजनी कुमार पांडेय के खिलाफ पर्यवेक्षण में लापरवाही पर दंड की कार्रवाई की संस्तुति की थी। पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडेय को बुधवार देर रात में लाइनहाजिर कर दिया था। अंजनी हजरतगंज कोतवाल थे। 

मुहल्ले में रही शांति 

कुर्की की कार्रवाई के दौरान कृष्ण लोक कॉलोनी स्थित दीप प्रकाश के मकान के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस मौजूद रही। एडीसीपी मध्य चिरंजीव नाथ सिन्हा के निर्देशन में कुर्की की कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि आरोपित के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था। कुर्की की कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। उधर, मुहल्ले में शांति व्यवस्था कायम रही और पड़ोसी घर से बाहर भी नहीं आए। इंस्पेक्टर कृष्णानगर महेश दुबे के मुताबिक आरोपित के घर से बरामद सामान को जब्त कर थाने लाया जा रहा है। मकान को सील कर दिया गया है। 


ये है मामला 

विकास दुबे ने दबिश पर बिकरू गांव गई पुलिस टीम पर साथियों के साथ हमला बोल दिया था। इसमें डिप्टी एसपी समेत कुल आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। शासन की ओर से विकास दुबे पर पांच लाख का इनाम घोषित किया गया था, जिसे उज्जैन से एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया था। विकास दुबे को उज्जैन से लाते समय कानपुर में विकास ने भागने की कोशिश की थी जिसे मुठभेड़ में पुलिस ने मार गिराया था।

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