Today Breaking News

माघ मेले के प्रमुख स्नान पर्वों पर गुरु बृहस्पति की बरसेगी कृपा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. 21वीं सदी के तीसरे दशक का पहला विश्व प्रसिद्ध माघ मेला 14 जनवरी से शुरू होगा। संगम की रेती पर लगने वाले दुनिया के इस सबसे बड़े मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। कोरोना काल में तमाम चुनौतियों के बीच बस रहा माघ मेला एक नई आशा और उजास का किरण लेकर आ रहा है। क्योंकि इस बार माघ मेला के स्नान पर्वों पर गुरु बृहस्पति का दुर्लभ योग बन रहा है।

14 जनवरी को मकर संक्रांति से शुरू हो रहे माघ मेले के छह स्नान पर्व में से चार गुरुवार को पड़ रहे हैं। ग्रहीय गोचर के अनुसार गुरु बृहस्पति महामारी व अनिष्टकारी शक्तियों को नष्ट करने में सक्षम हैं। साथ ही महामारी से उपजे अवसाद, विषाद से मुक्ति भी दिलाएंगे।


छह में चार स्नान पर्व गुरुवार को

माघ मेला का पहला स्नान पर्व 14 जनवरी, गुरुवार से शुरू होगा। 28 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 11 फरवरी को मौनी अमावस्या और 11 मार्च को महाशिवरात्रि का स्नान पर्व गुरुवार को पड़ेगा। इस बीच 16 फरवरी को वसंत पंचमी मंगलवार और माघी पूर्णिमा 27 फरवरी शनिवार को पड़ेगी।


गुरु पुण्ययोग से बढ़ेगी स्नान पर्वों की शुभता

ज्योतिषाचार्य अवध नारायण द्विवेदी के अनुसार शास्त्रों में गुरुवार धर्म-कर्म, पौष्टिक कर्म, यज्ञ, विद्या, वस्त्र, यात्रा और औषधि को बल प्रदान करता है। मकर संक्रांति व मौनी अमावस्या दोनों स्नान पर्व पर गुरु पुण्ययोग व श्रवण नक्षत्र का योग है। श्रवण के स्वामी विष्णु हैं। वे विश्व का भरण पोषण करते हैं। साथ ही विश्व को महामारी से उबारने में सक्षम हैं।


महामारी को नियंत्रित करेंगे गुरु बृहस्पति

ज्योतिषाचार्य डॉ. नित्यनाथ पाण्डेय के अनुसार गुरु बृहस्पति चार प्रमुख स्नान पर्वों पर द्वादश माधव के सानिध्य में शुभता प्रदान करेंगे। साथ ही अपने प्रभाव से विश्व में व्याप्त कोरोना महामारी नियंत्रित करेंगे। ज्योतिषाचार्य उमेश शर्मा के मुताबिक गुरु बृहस्पति सौम्य, शक्तिशाली और शुभकारक हैं।

'