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नया शैक्षिक सत्र मिशन गौरव के नाम, अप्रैल 2021 से शुरू होगा शताब्दी वर्ष समारोह

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) का नया शैक्षिक सत्र मिशन गौरव के नाम होगा। यूपी बोर्ड 2021 में गौरवशाली 100 वर्ष पूर्ण कर रहा है। अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक शताब्दी वर्ष समारोह मनाने का निर्णय लिया गया है। यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों, मंडलीय उप शिक्षा निदेशक, क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को इस संबंध में दिशा-निर्देश भेजे हैं।

यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल की ओर से कहा गया है कि 100 वर्ष की अवधि में संचालित परीक्षाओं में शामिल व उत्तीर्ण होने वाले हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के वे परीक्षार्थी जो देश-विदेश में विभिन्न क्षेत्रों शिक्षा, चिकित्सा, न्यायिक, राजनीति, प्रशासनिक, सामाजिक, साहित्य, कला, खेल व संस्कृति आदि में सफलता प्राप्त करके उच्च पदों पर कार्यरत रहे हैं। साथ ही उन्होंने उन पदों पर समर्पण भाव से उत्तरदायित्व निभाते हुए सबको दिशा देने का कार्य किया है, इससे परिषद का भी गौरव बढ़ा है। इसलिए उन्हें एक साथ आनलाइन जोड़ने की खातिर परिषद की वेबसाइट पर मिशन गौरव नामक पोर्टल तैयार किया गया है। इस पर शख्सियतों से पंजीकरण कराने का आग्रह किया जाए।


चर्चित शख्सियतों की तैयार होगी सूची : यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने कहा है कि माध्यमिक शिक्षा के अफसर अपने जिलों के प्रधानाचार्यों के साथ बैठक करके चर्चित शख्सियतों की सूची तैयार करें, जो परिषद से पढ़े और देश-विदेश में सेवाएं दे रहे हैं या फिर दे चुके हैं। जिलों में उनका प्रचार प्रसार भी हो साथ ही पोर्टल पर पंजीकरण का आग्रह भी किया जाए। प्रधानाचार्य संकलित क्षेत्रवार व वर्षवार सूची परिषद मुख्यालय को 31 दिसंबर तक उपलब्ध करा दें, ताकि अगली तैयारी की जा सके।


हिंदी व अंग्रेजी में भर सकते सूचनाएं : पंजीकरण कराने के लिए परिषद की वेबसाइट पर मिशन गौरव प्रभाग को क्लिक करना होगा। आवेदनपत्र में वांछित सूचनाएं भरकर उसे सुरक्षित करें। सूचनाएं हिंदी यूनीकोड व अंग्रेजी में भरी जा सकती हैं।


पहली परीक्षा में थे 5744 परीक्षार्थी : माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 में गठित किया था। पहली परीक्षा 1923 में कराई गई, जिसमें हाईस्कूल में 5655 व इंटर में 89 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसके बाद परीक्षार्थी बढ़ने का सिलसिला ऐसा चला कि अब यह परीक्षा संस्था दुनिया में सबसे बड़ी संस्था बन गई है।

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