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योगी सरकार का निर्देश- सभी शिक्षा बोर्डों के 9 से 12वीं तक के छात्र-छात्राएं आएं स्कूल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. उत्तर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड के मान्यता प्राप्त कॉलेज पहले से खुले हैं और स्वेच्छा से आने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी हो रही है लेकिन, अब यूपी बोर्ड सहित सभी शिक्षा बोर्डों के 9 से 12 तक के छात्र-छात्राओं की नियमित स्कूलों में पढ़ाई कराने का आदेश दिया गया है। यह भी निर्देश है कि स्कूल आने वाले छात्र और छात्राओं की स्वास्थ्य विभाग अभिभावकों की सहमति पर कोविड की जांच भी करेगा। 

उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्कूल और कॉलेजों को लंबे समय तक बंद थे। यूपी सरकार के निर्देश पर कुछ माह पहले ही 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोले गए। स्कूलों में अभिभावकों की सहमति से ही छात्र-छात्राओं को भेजे जाने के निर्देश थे। इस बीच लखनऊ में कुछ विद्यार्थियों के संक्रमित होने पर प्रदेश भर से इस संबंध में सूचना मांगी गई कि अन्य जिलों में छात्र बीमार तो नहीं हैं। जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआइओएस) ने इस संबंध में स्पष्ट रिपोर्ट नहीं भेजी बल्कि उनकी ओर से कहा गया कि जब बच्चों की जांच होगी तब संक्रमण का पता चल सकेगा। 


यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजे निर्देश में कहा है कि चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के अपर मुख्य सचिव ने 19 अक्टूबर को पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सभी शिक्षा बोर्डों के स्कूलों में पठन-पाठन के लिए भौतिक रूप से आने वाले छात्र-छात्राओं की कोविड जांच स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराई जाएगी। इसके लिए छात्र-छात्राओं को निर्धारित प्रारूप पर अभिभावक से सहमति लेनी होगी। सचिव ने कहा कि अब भी छात्र-छात्राओं को अभिभावकों की सहमति पर ही स्कूल आना है। डीआइओएस को छात्र-छात्राओं की जांच की रिपोर्ट ईमेल व अन्य माध्यम से भेजना अनिवार्य है।


बता दें कि 19 अक्टूबर से माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थियों की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में स्नातक स्तर की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। वहीं परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होती है। इनमें कम उम्र के अबोध बच्चे आते हैं जो कोरोना संक्रमण को लेकर अपेक्षाकृत कम जागरूक हैं। छोटे बच्चे शारीरिक दूरी के पालन को लेकर भी सतर्क नहीं होते। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है। इसलिए अभी इन स्कूलों को खोलने से पहले बेसिक शिक्षा विभाग फूंक-फूंक कदम बढ़ा रहा है। विभाग अभी कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों को संचालित करने के लिए अपनायी जाने वाली कक्षावार गाइडलाइन तैयार कर रहा है।

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