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वाराणसी के रजवाड़ी में बनेगा देश का पहला 'कौशल विकास विश्वविद्यालय', 45 एकड़ भूमि चिह्नित

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. देश के पहले कौशल विकास विश्वविद्यालय के लिए चौबेपुर के रजवाड़ी में 45 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है। जिला प्रशासन ने चिह्नित भूमि की जानकारी के साथ कौशल विकास मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेज दिया है। हवाई पट्टी के नाम से चिह्नित जमीन रक्षा मंत्रालय की है। इसलिए दोनों मंत्रालयों के बीच उसका हस्तांतरण होगा। इस विश्वविद्यालय में कौशल विकास मिशन के तहत तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के साथ शोध भी होंगे। साथ ही, बाजार की जरूरत के अनुसार भी पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। पूर्वांचल और पड़ोसी राज्यों के युवाओं को रोजगार दिलाने में भी यह विश्वविद्यालय मददगार साबित होगा।

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने दो वर्ष पहले वाराणसी में कौशल विकास के प्रशिक्षण व शोध के लिए विश्वविद्यालय की कार्ययोजना तैयार करायी थी। मंत्रालय ने पिछले वर्ष जुलाई में शासन से जमीन का प्रस्ताव मांगा था। 31 दिसंबर को डीएम कौशलराज शर्मा ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ हवाई पट्टी की जमीन देखी थी। अब मंत्रालय को उसका प्रस्ताव भेज दिया गया है।


आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिलेगी गति 

जिलाधिकारी ने बताया कि कौशल विश्वविद्यालय पूर्वांचल के साथ यूपी, बिहार, झारखंड सहित आसपास के प्रदेशों के युवाओं के लिए सुनहरा मौका होगा। उन्होंने कहा कि कौशल विकास केंद्रों में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन प्रशिक्षण देने वाले शिक्षकों के कौशल विकास की व्यवस्था अभी कहीं नहीं है। इसलिए सरकार ने बनारस में विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लिया है। यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देगा।


विवि में प्रस्तवित पाठ्यक्रम 

- हेल्थ केयर और फिजियोथेरेपी 

- वेलनेस मैनेजमेंट प्रोग्राम 

- डाटा कलेक्ट करने का प्रशिक्षण 

- कृषि की नवीन तकनीक आधारित पाठ्यक्रम 

- स्किल इन इलेक्ट्रिक व्हीकल


जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा, रजवाड़ी स्थित 45 एकड़ जमीन पर विश्वविद्यालय खोलने का प्रस्ताव कौशल विकास मंत्रालय को भेजा गया है। चूंकि जमीन का स्वामित्व रक्षा मंत्रालय के पास है, इसलिए इसे हस्तांतरित करने के संबंध में अवगत भी कराया गया है।

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