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Ghazipur: कृषि कानून 2020 पूर्णतया किसानो के हित में है- डॉ. राजेश सिंह

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. तकनीकी शिक्षा एवं शोध संस्थान, पी०जी० कालेज, ग़ाज़ीपुर के सभागार में शनिवार को “वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कृषक एवं कृषि सुधार कानून – 2020 ” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि माननीय प्रो०  राजेश सिंह जी, कुलपति , दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्विद्यालय, गोरखपुर, विशिष्ठ अतिथि पद्मश्री डॉ०  कँवल सिंह चौहान जी, सदस्य गवर्निंग बॉडी, आई०सी०ए०आर०, नई दिल्ली, विशिष्ठ अतिथि पद्मश्री चंद्रशेखर सिंह जी, सदस्य केंद्रीय बीज समिति, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय,भारत सरकार, विशिष्ठ अतिथि अरुण कुमार सिंह जी, पूर्व अध्यक्ष कृषि प्रसार शिक्षा, बी०एच०यू०, वाराणसी एवं श्री अजीत कुमार सिंह जी, अपर महाधिवक्ता , उ० प्र० सरकार , सचिव /प्रबंधक, स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजीपुर द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर और सरस्वती वंदना के साथ हुई। 


संरक्षक अजीत कुमार सिंह और प्राचार्य  डॉ०  समर बहादुर सिंह ने सम्मानित अतिथिगण को अंगवस्त्र , स्मृति चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत एवं अभिनंदन किया! मुख्य अतिथि राजेश सिंह जी ने  वर्तमान कृषि सुधार कानून 2020 के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने बताया की कृषि कानून 2020  पूर्णतया किसानो के हित में है और वर्षों से चली आ रही किसानों की स्थिति को बदलने वाली है। कण्ट्रोल बाई फार्मर और रन बाई फार्मर हेतु उन्होंने एफ०पी०ओ० की स्थपना और स्टार्टअप के बारे में समझाया। उन्होंने बताया की पूर्वांचल के किसानों हेतु 1000 स्टार्टअप लगाने हेतु राज्य सरकार से आदेश भी आ गया है। 


मुख्य अतिथि राजेश सिंह जी ने शिव वाटिका उद्यान में वृक्षारोपण किया और महाविद्यालय की लैब और लाइब्रेरी का भ्रमण भी किया। उन्होंने कृषि विज्ञानं केंद्र का भ्रमण कर वहाँ की कृषि कार्यविधियों की सराहना की और कृषि के नए उपायों को बताया। कुलपति महोदय के साथ उनकी पत्नी सुमिता सिंह , संयुक्त निदेशक कृषि, उ०प्र० ने भी वृक्षरोपण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विशिष्ठ अतिथि पद्मश्री डॉ ०  कँवल सिंह चौहान जी ने “मूल्य संवर्धन में खाद्य प्रसंस्करण की भूमिका एवं संभावनाएं ” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। 1960 से लेकर हो रहे कृषि सुधारों और वर्तमान की उपलब्धियों को बताया। उन्होंने जैविक कृषि का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग और रसायनिक खाद का कम से कम उपयोग करने हेतु किसानों को प्रेरित किया। 


विशिष्ठ अतिथि पद्मश्री चंद्रशेखर सिंह जी ने वर्तमान समय में कृषि में संभावनाओं पर प्रकाश डाला | खेती के तरीकों में बदलाव करना होगा तभी किसानो की स्थिति बदलेगी। किसानो को भी उद्यमी बनाना होगा तभी उनकी स्थिति को बदला जा सकता है । इस हेतु किसान सुधार कानून – 2020 अत्यंत लाभकारी सिद्ध होंगे। विशिष्ठ अतिथि प्रो ० अरुण कुमार सिंह जी ने “नये कृषि सुधार : चुनौतियां एवं अवसर” पर अपना व्याख्यान दिया। अजीत कुमार सिंह जी ने कृषि सुधार कानून -2020 से सम्बन्धित तीनों कानूनों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने किसानों के हित और उनकी व्याप्त शंकाओं और उनके निराकरण के सम्बन्ध में कृषि कानूनों को समझाया। 


नए कृषि कानूनों में भूमि के में बारे फैली भ्रांतियों को बताया और यदि किसी प्रकार की समस्या आती है तो उसका निराकरण कैसे और किस न्याय प्रक्रिया से होगा इसे भी बताया। इस संगोष्ठी में महाविद्यालय और बाहर से आये प्राध्यापक गण के साथ साथ  जनपद के किसानों,  छात्रों ने काफी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और अपनी समस्त शंकाओं का समाधान प्राप्त किया। किसानों और छात्रों द्वारा पूछे गए प्रश्नों और दुविधाओं का निराकरण पद्मश्री डॉ ०  कँवल सिंह चौहान जी ने किया। महाविद्यालय के एन०एन०सी० कैडेट्स द्वारा मुख्य अतिथि महोदय को गार्ड आफ आनर दिया गया। संगीत विभाग के छात्र छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना का गायन किया गया | 


कार्यक्रम का संचालन डॉ० वशिष्ठ यति और डॉ० कृष्ण कुमार पटेल के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का आयोजन स्नातकोत्तर महाविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम के संयोजक डा० वशिष्ठ यति ने सम्मानित अतिथिगण का आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया। कार्यक्रम में डा० अशोक सिंह , डॉ० बालेश्वर सिंह , डॉ० विनोद सिंह, डॉ० धर्मराज सिंह , डॉ० दिनेश कुमार  सिंह , डॉ० जी ०  सिंह , ई० बी० सी० झा,  डॉ० अमित प्रताप , डॉ० मनोज मिश्र, डॉ० पीयूषकांत सिंह, डा० योगेश कुमार , कृपाशंकर सिंह आदि उपस्तिथ रहे |

 
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