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लखनऊ के अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म, 100 मरीजों की अटकीं सांसें; मची अफरातफरी

 गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ.  Oxygen crisis in Lucknow: किसी भी अस्पताल में ऑक्सीजन और दवा की कमी न होने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बावजूद अधिकारी चेतने को तैयार नहीं। ऐसा ही वाकया बुधवार की देर रात राजधानी लखनऊ के शहीद पथ स्थित टेंडर पाम अस्पताल में हुआ। अस्पताल के संचालक ऑक्सीजन के लिए लाइन में लगे रहे और उधर करीब 100 मरीजों की सांस अटकी रही। ऑक्सीजन खत्म हो जाने से पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल के संचालक अफसरों को फोन करते रहे, मगर उन्हें कोई मदद नहीं मिली।

टेंडर पाम अस्पताल के संचालक विनय शर्मा ने बताया कि वह ऑक्सीजन फिलिंग की एजेंसी पर खड़े हैं। मगर, उनका सिलिंडर नहीं भरा जा रहा है। दूसरों को ब्लैक में बेचे जा रहे हैं। उनसे भी काफी ज्यादा दाम मांगा जा रहा है। वह तीन गुना तक दाम देने को तैयार हैं, बावजूद उन्हें सिलिंडर नहीं दिया जा रहा है। 


उन्होंने बताया कि एसडीएम और तहसीलदार उनके संपर्क में हैं। उन्होंने भी फोन किया है, लेकिन अब एजेंसी संचालक पाइप नहीं होने का बहाना बता रहा है। इससे उनके मरीजों की जान खतरे में पड़ी हुई है। जल्दी ऑक्सीजन नहीं मिलती है तो बहुत से मरीजों की जान चली जाएगी। अस्पताल में करीब 100 मरीज ऑक्सीजन पर हैं, जिनकी जान खतरे में पड़ गई है। अफरा-तफरी और हाहाकार की स्थिति पैदा होने से पुलिस बल मौके पर पहुंचा। किसी तरीके से 10 ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था तत्काल रूप से कराई गई, जिससे एक घंटे तक बैकअप मिला। इसके बाद देर रात शासन तक मामला पहुंचा तो ऑक्सीजन की व्यवस्था हो पाई। 


एक तीमारदार प्रदीप कुमार ने बताया कि अस्पताल के संचालक दोपहर से ही अधिकारियों से लगातार बात कर रहे हैं। अभी भी कई अधिकारी उनसे संपर्क में हैं, मगर कोई ऑक्सीजन दिलवा नहीं पाया। इससे एक दिन पहले सिप्स अस्पताल के संचालक भी इसी तरह ऑक्सीजन ढूंढ रहे थे, मगर उन्हें भी कहीं ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी। यह हालत सिर्फ एक या दो अस्पतालों की नहीं है, राजधानी के ज्यादातर निजी व सरकारी अस्पतालों में यही हालात बने हुए हैं। जहां पर सिर्फ आठ-दस घंटे का ही ऑक्सीजन बचा हुआ है।

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