Today Breaking News

Ghazipur: दस हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया ग्राम विकास अधिकारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. ग्राम पंचायत में विकास कार्यों का भुगतान कराने को प्रधान से पंचायत सचिव ने दस हजार रुपये की रिश्वत मांगी। की मजदूरी देने के नाम पर पंचायत सचिव ने महीनों से उसका भुगतान अटका दिया। मामले में आजिज प्रधान ने एंटी करप्शन को मामले की शिकायत की तो टीम ने रंगे हाथों पंचायत सचिव को उसके आवास से दबोच लिया। टीम पूछताछ के बाद उसे थाना जमानियां लेकर गई और नामजद केस दर्ज कराया। इसके बाद आरोपी को एंटी करप्शन कोर्ट वाराणसी में पेश किया जाएगा।

जमानिया विकास खण्ड में स्थित एक आवास में बैठे ग्राम विकास अधिकारी को बिजलेंस की टीम ने मंगलवार की दोपहर रिश्वत लेते हुए रंगे पकड़ा। उसे कोतवाली लाई। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई। बिजलेंस टीम के प्रभारी उपेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि निःवर्तमान ग्राम प्रधान संतोष कुमार शर्मा द्वारा शिकायत की गई थी कि पंचायत भवन के निर्माण में करीब 53000 रुपए का मजदूरी भुगतान बकाया है। इसको लेकर कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन ग्राम विकास अधिकारी द्वारा दस हजार का रिश्वत मांगा जा रहा था। इससे परेशान होकर संतोष ने शिकायत की थी। इस पर संतोष को केमिकल युक्त नोट ग्राम विकास अधिकारी को देने के लिए दिया गया। दिन में करीब ढाई बजे वही नोट ग्राम विकास अधिकारी के पास से बरामद किया गया। इसके विरूद्ध नियम संगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है और कार्रवाई की जा रही है।


ग्राम विकास अधिकारी विनय कुमार यादव से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा पंचायत भवन निर्माण में मजदूरी के भुगतान को लेकर दबाव बनाया जा रहा था। जबकि पूर्व में ही उन्हें अधिक भुगतान किया जा चुका है। जिसके सापेक्ष पंचायत भवन का कार्य अब तक पूर्ण नहीं है। आज जिस कमरे में अन्य लोगों के साथ बैठा था, वह दरवाजे से अंदर आया और जबरदस्ती हाथ में पैसा सटा कर मेरे जेब में डाल दिया। कुछ देर के बाद टीम आ गई और हाथ धुलवा कर हिरासत में ले लिया। गिरफ्तार करने वाली टीम में संतोष कुमार दीक्षित, विजय नारायण प्रधान, पुनीत कुमार सिंह, सुनील कुमार यादव, नरेन्द्र कुमार सिंह, अश्वनी कुमार पांडेय आदि रहे। इस संबंध में कोतवाली प्रभारी रविंद्र भूषण मौर्य ने बताया कि लिखा-पढ़ी की जा रही है।

'