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गंगा से लाशें मिलना जारी, गाजीपुर-बलिया से बक्सर तक 24 घंटे में 206 शव निकालकर दफनाए गए

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/बलिया. बिहार के बक्सर और बलिया व गाजीपुर में 24 घंटे में 206 शव गंगा से निकाले गए। सभी शवों को अधिकारियों की मौजूदगी में गंगा किनारे ही गड्ढा कर दफनाया गया। इनमें सबसे अधिक शव गाजीपुर में निकाले गए। यहां गंगा से 73 शव निकाले गए। बक्सर में 71 और बलिया में 62 शवों को निकालकर दफनाया गया है। एक साथ इतनी लाशें देखकर लोगों में कोरोना का खौफ और दहशत की स्थिति है। ग्रामीणों का कहना है कि दर्जनों लाशें तो आगे के जिलों में बह गई हैं। 

बक्सर के चौसा श्मशान घाट के पास सोमवार को 30-35 लाशें देखी गईं थीं। लेकिन जब जिला प्रशासन की टीम लाशों को नाव से निकलवाने के लिए मंगलवार को पहुंची तो 71 शव निकाले गये। डीएम अमन समीर ने बताया कि सभी शवों का डीएनए सैंपल लिया गया है। शव के तीन-चार दिन पुराने होने के कारण पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका। कोविड जांच के लिए स्वाब भी नहीं लिया जा सका। गंगा तट पर ही शवों को मिट्टी में दफना दिया गया।


डीएम ने अपनी बात को दुहराते हुए कहा कि लाशें बक्सर जिले के आसपास की नहीं हैं। ये सभी लाशें यूपी की ओर से ही बहते हुए चौसा के घाट पर आकर लग गई थीं। मेडिकल टीम ने सभी शव के सैंपल लेकर रख लिए हैं ताकि बाद में कोई दावेदार हो तों उसकी जांच कराई जा सके। डीएम ने गंगा में शवों के जल प्रवाह पर भी अभी रोक लगा दी है।


उधर, बलिया में मंगलवार को बिहार की सीमा पर गंगा में बहकर आईं लाशें देखकर लोगों के होश उड़ गए। सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने 62 शवों को बाहर निकलवाया। इसके बाद जेसीबी मशीन से गड्ढा खुदवाकर उनका अंतिम संस्कार करवाया। एक दिन पहले ही गाजीपुर व बक्सर (बिहार) के घाटों पर बड़ी संख्या में शव मिले थे, लिहाजा अनुमान लगाया जा रहा है कि बलिया जिले में भी शव बहकर आए होंगे। भरौली में 45, उजियार में नौ तथा गोविंदपुर में आठ शव मिलने की बात कही जा रही है। बलिया के जिलाधिकारी अदिति सिंह ने कहा कि सभी शवों का उचित तरीके से गंगा नदी के तट पर ही पुलिस व प्रशासन की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कर दिया गया। शवों के आने के स्रोत की जांच की जा रही है।


गाजीपुर में 73 शवों को निकालकर दफनाया 

गाजीपुर में 73 शवों को दफनाया गया है। गहमर में स्थानीय तहसील क्षेत्र के बारा व गहमर गंगा घाटों पर पानी मे उतराए 23 शवों का प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में सोमवार की रात 11 बजे से लेकर मंगलवार की सुबह 9 बजे तक गंगा पार रेत में दफन करवाया गया। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कुल 23 शवों को गंगा किनारे गड्ढा खोदकर दफन कराया गया। वहीं करंडा क्षेत्र के धरम्मरपुर में दो दिनों में करीब 50 से अधिक शव बहकर किनारे लग गए थे। प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर शवों को गंगा किनारे जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफन कराया।

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