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Ghazipur: दिनभर चला गंगा किनारे मिले शवों को दफनाने का काम, प्रशासन के पास लाशों का आंकड़ा नहीं

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले में गंगा किनारे मिले शवों को दफनाने का काम सोमवार देर रात से मंगलवार दिन भर चला। शवों की संख्या अधिक होने पर गड्ढा खोदने के लिए जेसीबी एवं पोकलेन की मदद लेनी पड़ी। कितने लोगों को दफनाया गया इस बाबत प्रशासन कोई आंकड़ा नहीं बता रहा था। सिर्फ एक-दो शवों के मिलने व ससम्मान अंत्येष्टि की बात पर जोर दिया जाता।

दफनाए गए शवों का न तो पोस्टमार्टम कराया गया और न ही स्वैब लिया गया। उधर, बक्सर में 71 शवों को गंगा किनारे दफना दिया गया। बक्सर प्रशासन का दावा है कि ये शव पड़ोसी प्रांत से बह कर आए थे। गंगा में महाजाल लगाया गया है साथ ही चौकसी बढ़ा दी गई है। 


करंडा थाना क्षेत्र के धरम्मपुर गंगा के किनारे लगे शवों की संख्या अधिक होने खुदाई के लिए दोपहर में पोकलेन बुलानी पड़ी। इस दौरान लोगों को उधर जाने से रोक दिया गया था। इसी तरह सेवराई तहसील के नरवा घाट, सोझवा घाट, पंचमुखी घाट और बुलाकिया दास मठिया घाट के शवों को सोमवार देर रात से लेकर सुबह आठ बजे तक दर्जनों कर्मचारियों, ग्रामीणों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से किनारे ही गड्ढा खोदकर दफना दिया गया।


इसके बावजूद गंगा के कटान वाले क्षेत्रों में शव दिखाई पड़े। स्थानीय लोग इन शवों को भी दफनाने में जुटे रहे। साथ ही गंगा के तटवर्ती इलाकों में चूना एवं ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव कराया गया। डीएम गाजीपुर एमपी सिंह ने कहा कि अपने यहां शव मिलने की कोई संख्या नहीं है। टीम लगाई गई है, जो गंगा घाटों के किनारे सत्यापन करने में जुटी हुई है और शव मिलने पर उन्हें दफनाने का काम कर रही है। 


चौसा में मिले 71 शव

गंगा में चौसा के समीप मिले 71 शवों को गंगा किनारे गड्ढा खोद कर दफना दिया गया। शव सड़ गए थे, इस लिए उनका पोस्टमार्टम नहीं हो सका। लेकिन, उनके स्वैब का नमूना लिया गया। जिससे कोविड टेस्ट व आवश्यकता पड़ने पर डीएनए की जांच हो सके। यह कार्रवाई सोमवार देर रात तक चली। इस दौरान डीएम अमन समीर व एसपी नीरज कुमार सिंह मौजूद रहे।

 
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