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मजदूरी करते करते आतंक का पर्याय बन गया था मुकीम काला, कैराना पलायन का सूत्रधार भी था

 गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. कैराना में पलायन के मुद्दे का सबसे बड़ा सूत्रधार और दहशत का दूसरा नाम बन चुका कुख्यात मुकीम काला राज मिस्त्री के पास मजदूरी करते-करते जुर्म की दुनिया का बड़ा नाम बन गया था। हरियाणा के पानीपत में डकैती से इसके जुर्म की शुरुआत हुई और इस पहले ही मामले में मुकीम काला जेल गया था। उसके बाद उसने अपराध की दुनिया में अपने कदम आगे बढ़ा दिए। 

शामली जनपद के कैराना तहसील के जहानपुरा गांव में मुस्तकीम के घर पैदा हुए मुकीम काला ने जेल से जमानत पर आने के बाद अपराध की दुनिया में उतरते हुए एक गैंग खड़ा किया और इसके बाद ताबड़तोड़ वारदातों के चलते वेस्ट यूपी ही नहीं बल्कि हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली तक उसके आतंक का साम्राज्य खड़ा हो गया। बताते हैं कि जेल से बाहर आने के बाद मुकीम काला ने दादागिरी के साथ ही चोरी और राहजनी शुरू कर दी थी। जेल में ही उसकी मुलाकात सहारनपुर जिले के बाढ़ी माजरा थाना गंगोह के मुस्तफा उर्फ कग्गा से हुई। 


सूत्र बताते हैं कि मुस्तकीम काला ने जेल में रहते हुए कग्गा से गैंग में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी। जिसके बाद मुस्तफा उर्फ कग्गा ने उसे अपने गैंग में शामिल कर लिया। मुकीम के आने के बाद कग्गा का गैंग और अधिक मजबूत हो गया। कग्गा के एनकाउंटर के बाद मुकीम ने गिरोह की कमान संभाल ली। दिसबंर 2011 में पुलिस एनकाउंटर में मुस्तफा उर्फ कग्गा मारा गया था और इसके बाद से मुकीम और उसके गिरोह अगले 2 सालों में ही हत्या, लूट, रंगदारी समेत कई जघन्य वारदातों को अंजाम देकर कई राज्यो में दहशत फैला दी।


पुलिस ने उसे कई बार पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार होता गया। वर्ष 2017 में यूपी में भाजपा की सरकार बनने के बाद ऑपरेशन क्लीन चला तो मुकीम काला गैंग पर भी शिकंजा कसता चला गया। चंद महीनों बाद ही अक्टूबर माह में वह शामली पुलिस के हत्थे चढ़ गया और   उसके साथी साबिर के साथ गिरफ्तार करने के बाद सहारनपुर जेल में रखा गया था। लेकिन बाद में उसे कई जेलों में शिफ्ट करते करते चित्रकूट जेल पहुंचा दिया गया था।


जेल से ही चला रहा है गैंग

लोगों का कहना है कि मुकीम काला भले ही जेल में था लेकिन उसके साथी अब भी उसके लिए वसूली कर रहे हैं। कैराना पुलिस के अनुसार, वर्तमान में मुकीम काला पर करीब अलग-अलग थानों में करीब 30 अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। मुकीम काला गिरोह का काम लूट, हत्या, डकैती और जबरन रंगदारी वसूलना है।पुलिस के अनुसार इस गैंग के करीब दो दर्जन बदमाश इस समय अलग-अलग जेलों में बंद हैं। जबकि कई पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। बताया गया है कि मुकीम काला गैंग का वाजिद सहारनपुर से पुलिस हिरासत में फरार हो गया था। जिसका अभी तक उसका कोई सुराग नहीं लगा है।

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