Today Breaking News

उत्तर प्रदेश में जिनके पास स्मार्टफोन नहीं उन बच्चों की पढ़ाई में मददगार होंगे प्रेरणा साथी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. कोविड-19 महामारी के बीच उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई कराने के लिए नया प्रयोग शुरू हो रहा है। खासकर उन बच्चों के लिए, जिनके अभिभावकों के पास स्मार्टफोन नहीं है। उनकी यह कमी प्रेरणा साथी पूरी करेंगे। इसके लिए विद्यालयों को गांव के 10 ऐसे साथियों का चयन करने को कहा गया है, जो स्वेच्छा से बच्चों को पढ़ाने के लिए अपना स्मार्टफोन दे सकें। प्रधानाध्यापक उनका प्रेरणा एप पर पंजीकरण कराएंगे और विद्यालय के वाट्सएप ग्रुप से भी जोड़ेंगे, ताकि समय-समय पर शिक्षण सामग्री भेजी जा सके।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद इन दिनों उत्तर प्रदेश में मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला चला रहे हैं। 'घर ही बन जाएगा विद्यालय हमारा, हम चलाएंगे ई-पाठशाला' के तहत प्रथम, द्वितीय व तृतीय चरण पूरा हो चुका है और अब चतुर्थ चरण नई गतिविधियों के साथ शुरू हो रहा है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन व अधिकतम बच्चों तक पहुंच बढ़ाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने वालंटियर्स आनबोर्डिंग ड्राइव शुरू की है। इसमें वालंटियर्स को प्रेरणा साथी के नाम से जाना जाएगा। इन साथियों को साप्ताहिक शिक्षण सामग्री मुहैया कराई जाएगी।


इन साथियों के चयन के लिए यह देखना होगा कि उनमें नि:स्वार्थ सहायता देने की भावना हो, निकट रिश्तेदार, पड़ोसी या फिर समुदाय के ऐसे शुभचिंतक को तलाशा जाए, जिनके पास स्मार्टफोन व इंटरनेट सुविधा हो। वे राज्य स्तर से मिलने वाली शिक्षण सामग्री को बच्चों के बीच साझा करें। यह भी निर्देश है कि बच्चे प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट तक प्रेरणा लक्ष्य एप का प्रयोग करते हुए अभ्यास कर सकें। प्रेरणा साथी हर शनिवार को होने वाली साप्ताहिक क्विज प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए प्रोत्साहित कर सकें।


महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए अलग-अलग लिंक जारी किए हैं। वहीं, गतिविधियों के लिए प्रेरणा लक्ष्य एप, दीक्षा एप व प्रेरणा साथी पंजीकरण का लिंक भी जारी किया है। ज्ञात हो कि परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई में स्मार्टफोन व इंटरनेट सुविधा बाधा बन रही थी, इन दिनों संक्रमण की वजह से बच्चे घर से ही पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में प्रेरणा साथी चयनित करके आनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा दिया जा रहा है।

'