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साधारण शिक्षक की बेटी अपनी कड़ी मेहनत के दम पर मात्र 26 वर्ष की उम्र में बनी डीएसपी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/पटना. कर्ण नगरी के शिक्षक दंपती की होनहार संतान अभिजीत कौर ने अपनी सरजमीं का नाम रोशन किया है। पुलिस सेवा को नया आयाम देने वालीं किरण बेदी से बेहद प्रभावित अभिजीत अब बिहार पुलिस में उपाधीक्षक बनकर अपना सपना पूरा करेंगी। इस सफलता से बेहद उत्साहित अभिजीत का कहना है कि वह गरीब, मजलूमों और जरूरतंमदों को इंसाफ दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगी।

शहर के सेक्टर-13 में रहने वाली 26 वर्षीय अभिजीत ने बिहार पुलिस सेवा की परीक्षा में अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की। माता-पिता राजकीय शिक्षक हैं। अभिजीत ने बताया कि वह बचपन से ही यह सपना सच करने की दिशा में आगे बढ़ रही थीं। अब बहुत खुशी हो रही है कि कड़ी मेहनत के बूते आखिरकार लक्ष्य प्राप्ति में सफलता हासिल हो गई।


अभिजीत ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि पुलिस को अपनी छवि पर दाग लगने के कारण बहुत सारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है। भरसक प्रयास रहेगा कि पूरी ईमानदारी से अपना कार्य करके पुलिस की छवि बेहतर बनाने में यथासंभव योगदान कर सकूं। युवाओं के लिए अभिजीत ने कहा कि वह कभी हार न मानें। चुनौतियों से न घबराएं। उन्होंने भी कई असफलताओं के बावजूद इस मुकाम तक पहुंचने के लिए जीतोड़ प्रयास किए। इसी का सकारात्मक परिणाम रहा कि उन्हें बिहार पुलिस सेवा में अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल हुई।

अभिजीत ने बताया कि उनके पिता शिक्षक हैं और वह प्रतियोगी परीक्षाओं पर निरंतर निगाह रखते थे। तैयारी में भी काफी मदद करते थे। वह नियमित रूप से प्रतिदिन छह-सात घंटे पढ़ाई करती थीं। कई बार 12 घंटे तक भी पढ़ाई की। पटना में एक संस्थान से भी कोचिंग ली। आरंभिक शिक्षा करनाल में लेने के बाद दिल्ली में स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई की।


अभिजीत की नानी ने बताया कि उसने पूरी लगन से पढ़ाई की। उन्हें अभिजीत और देश की तमाम होनहार बेटियों पर गर्व है। अभिजीत की मां ने बताया कि सेंट थेरेजा स्कूल में आरंभिक पढ़ाई के समय भी अपने लक्ष्य पर पूरा फोकस था। कक्षा पांच में ही हैड गर्ल बन गई थी। बहुत अनुशासित छात्रा रही। उन्हें विश्वास है कि वह बिहार की धरती पर पुलिस सेवा में नए आयाम स्थापित करेगी।

अभिजीत के पिता ने बताया कि बेटी का इंटरव्यू हुआ तो फील्ड वर्क से लेकर फिटनेस तक पूछे गए सवालों के उसने बेहद प्रभावी जवाब दिए। बचपन से मन में कायम यही आत्मविश्वास उसकी सफलता का बड़ा फैक्टर है। उन्होंने बताया कि अभिजीत के परदादा भी पुलिस उपाधीक्षक सरदार जसवंत सिंह थे, जो अपने दौर में दिल्ली कोतवाली में तैनात थे। अभिजीत और पूरा परिवार उन्हें आदर्श मानता है। इससे भी उसे अपना लक्ष्य तय करने की प्रेरणा मिली। एमबीबीएस कर रहे अभिजीत के भाई, शिक्षक मिहिर बैनर्जी और अन्य स्वजनों ने भी खुशी जताई।इनपुट्स– ऑनलाइन मीडिया

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