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आपसी विवाद में तोड़ दिया महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद के घर की टंकी, गर्मी में पानी का संकट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. अपनी लेखनी से गरीब गुरबों की आवाज बनने वाले महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद के गांव लमही में पुस्तकालय और आवास में पेयजल को लेकर गांव के लोग तीन गुटों में बंट गए हैं। एक गुट के मनीष श्रीवास्तव ने पुस्तकालय के सामने की जमीन को अपना बताते हुए पूर्व कमिश्नर सुरेश चंद्रा द्वारा बनवाए गए पानी के टंकी को तोड़ दिया। यह देख दूसरे गुट के दुर्गा श्रीवास्तव ने प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत किया। तो तीसरे गुट के लोग जमीन को अपना बताते हुए मुंशी जी के नाम जमीन दान करने की बात कह रहे हैं। गर्म मामले के बीच अधिकारी दौरा तो कर रहे हैं लेकिन अभी चुप्पी साधे हैं।

प्रेमचंद सरोवर के पास लगी नई पानी की टंकी

मामला मुंशी जी से जुड़ा होने के कारण स्थिति को भांफते हुए गांव के प्रधान संतोष पटेल ने प्रेमचंद सरोवर के पास एक प्लास्टिक की टंकी लगवा दिया। उससे कनेक्शन करवाकर स्मारक और पुस्तकालय में पानी की आपूर्ति बहाल करवा दिया है। लेकिन यह व्यवस्था अल्प समय के लिए है।


दो बिस्वा जमीन को हर पक्ष बता रहा अपना

मुंशी जी के आवास और पुस्तकालय के सामने की 21 बिस्वा कुल जमीन ग्रामीणों ने सहमति से प्रेमचंद शोध संस्थान के नाम से बीएचयू को दिया था। कुछ दिन बाद गांव के अमरकांत पटेल ने बीएचयू से अपनी जमीन वापस ले लिया। फिर उस जमीन को गांव के मनीष श्रीवास्तव ने अमरकांत पटेल से खरीद लिया। उसके बाद उसमें दुकान का निर्माण करवा दिया। इधर एक सप्ताह पूर्व मनीष के दुकान के बगल में बने पानी की टंकी को गिरवा दिया। यह देख ग्रामीणों ने विरोध किया। जमीन को अपना बताते हुए काम रोक दिया। अब उस दो बिस्वा जमीन को तीनों पक्ष अपना बता रहे हैं।


गांव में हर दिन पहुंच रहे अधिकारी, कर रहे पूछताछ

मामले की जानकारी अधिकारियों को भी है। मगर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सोमवार को जल निगम की टीम पहुंची थी तो मंगलवार को वीडीए की टीम पहुंचकर गांव वालों से मामले की जानकारी ली।

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