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महंगाई के खिलाफ नारे सुनकर बिदका बैलगाड़ी का बैल, फिर भागने लगे कांग्रेसी कार्यकर्ता, पुलिस ने हिरासत में लिया

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सोमवार को गोरखपुर के गोलघर में कांग्रेसी जुट रहे थे कि तभी वहां भड़गद मच गई. लोग भागने लगे. जिसे जहां जगह मिली, भागकर छुप गया. दरअसल सोमवार को महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के कार्यकर्ता गोलघर में बैलगाड़ी लेकर जुट ही रहे थे कि तभी भगड़दड़ मच गई. 

कांग्रेसियों के साथ-साथ पुलिसकर्मी भी भागने लगे. कांग्रेसी जिस बैलगाड़ी को लेकर आए थे उसका बैल अचानक कूदकर भागने लगा. जिसके बाद इंदिरा तिराहे पर अफरातफरी का माहौल हो गया. जिसे जहां रास्ता दिखा वो उधर भागने लगा. गोलघर से भागते हुए बैल नगर निगम परिसर में घुस गया. कुछ देर तक यह माहौल रहा. बैल के काबू में आने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली.


पेट्रोलियम पदार्थों की लगातार हो रही मूल्य वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस के कार्यकर्ता बैलगाड़ी पर प्रदर्शन के लिए पहुंचे थे. भीड़ के बीच नारेबाजी सुनकर बैल बिदक गया. देखते ही देखते बैलगाड़ी से बैल निकल गया और भागने लगा. जिसके बाद लोग बचने के लिए भागने लगे. जिसके कारण कुछ लोग जमीन पर भी गिर पड़े. भीड़ से बौखलाया बैल लोगों को दौड़ाने लगा. वह जिधर जा रहा था लोग खुद ही डर के मारे किनारे खड़े हो जा रहे थे. बड़ी मुश्किल से कांग्रेस कार्यकर्ता बच पाए.


बैल जब काबू में आया तो उसके बाद प्रदर्शन शुरू हुआ. लेकिन सवाल था कि अब बैलगाड़ी कैसे चले? तो इसकी तोड़ निकालते हुए जिलाध्यक्ष की अगुवाई में कांग्रेसी खुद ही बैलगाड़ी खींचने लगे. बैलगाड़ी खींचते हुए, नारा लगाते हुए जैसे ये लोग आगे बढ़े कि पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया. जिसके बाद सभी कार्यकर्ताओं को पुलिस लाइन ले जाया गया. यहां पर एक बार फिर इनलोगों ने प्रदर्शन किया.


कांग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान का कहना है कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में लगातार बढोतरी हो रही है. डीजल और पेट्रोल गोरखपुर में शतक लगाने के करीब हैं. पर सरकार इनकी कीमतों को नियंत्रित करने का कोई प्रयास नहीं कर रही है. विश्व बाजार में अभी भी पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें उतनी नहीं हैं, जितनी अपने यहां पर ली जा रही है. टैक्स लगाकर सरकार अपना खजाना भर रही है और देश की जनता को महंगाई की आग में झोंक रखी है. डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस के दाम बढ़ने से हर सामान की कीमत बढ़ गई है. किराया बढ़ गया है, खाद्य पदार्थ महंगे हो गए हैं. खेती करना और महंगी हो गया है.

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