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किसानों की है ये पुकार सब हो गया बर्बाद अब बचा क्या है DM साहब!

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. किसानों की रोजी रोटी का एकमात्र जरिया खेती धान कि खेती में लगाया सारा पैसा डुबा  अब वो भी हो गयी चौपट पशुओं के चारे कि संकट पैदा कोई सुध लेने वाला नहीं

भावंरकोल में गंगा नदी का पानी फिरोजपुर मच्छटी दहिनवर अवथही के बाद सुरनी बसनिया सियाडी पुनीपुर दुलारपुर में आ कर जमा हो गया है मगई व गंगा  नदी अन्नदाताओ की खेती चौपट कर दी है। करईल के इलाकों में पहले से ही चारो तरफ जलमग्न है किसान पानी कम होने का आस लगाए बैठे हैं कि जैसे ही पानी कम हो की थोड़ी सी भी फ़सल बच जाए जिससे कम से कम पशुओं की चारे भर की कुछ हो जाए लेकिन उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हो रही जीतना पानी कम होता नही उससे ज्यादा लगातर इलाके में मूसलाधार वर्षा से बढ़ रहा है। 

सियाड़ी बसनिया सुरनी के सिवानो में फैला पानी किसानों की फसल चौपट हो गया है। छोटे छोटे खेतिहर मजदुरुरो का एकमात्र जीविका का सहारा खेती ही है अब वो भी जलमग्न हो कर बर्बाद हो गयी हैं। किसान साल भर की अपनी आमदनी जोताई रोपाई खाद पानी में खर्च कर धान की खेती किया जो कुछ भी अन्न उपजता उससे जीविकोपार्जन कर पाता उससे पहले ही किसानों की लागत भी चली गई जिससे किसानों की जीविका की समस्या उत्पन्न हो गई है। 

धान की फसल नष्ट होने से पशुओं की चारा की किल्लत हो रही है। किसानों को अब अपने लिए राशन की जुगाड़ के साथ पशुओं के चारे कि व्यवस्था करना मुस्किल हो रहा है। किसानों में कमला यादव,आशा देवी,भैरव यादव,सुरेन्दर यादव,कृष्णमुरारी पाण्डेय, राधेश्याम पाण्डेय,विश्वामित्र पाण्डेय, सत्येन्द्र राय,जयराम यादव,राजबली यादव,लक्षन यादव,प्रेम राम, लाला राम आदि सैकड़ों सुरनी मौजे के किसानों की 250 बीघा धान की फसल पानी से नष्ट हो गई।अब तो सुरनी गांव में सीसी रोड पर भी भरा पड़ा है.

घुटने तक पानी में हरिजन बस्ती के लोगों का आवागमन हो रहा है। किसानों की आय बढ़ नहीं पा रही है न कोई सुधार हो रहा है। फसल बीमा का कोई नामों निशान नहीं है और न ही कोई मुआवजा मिल रहा है। कोई नेता अधिकारी कर्मचारी लेखापाल अन्नदाताओं कि बर्बादी को सुनता ही नहीं। समाजसेवी विश्वामित्र पांडेय, कृष्णमुरारी पाण्डेय, अशोक राम,अच्छेलाल यादव, राजनरायण यादव, गोरख राम, जितेंद्र यादव, संतोष यादव आदि लोग मिल कर किसानों की छती की आवाज़ उठा रहे हैं ताकि कोई नेता अधिकारी कर्मचारी लेखापाल अन्नदाताओं कि पुकार सुन ले। ये भी पढ़े: पूर्वांचल को जल्‍द सौगात देने आ रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी, अधिकारियों ने शुरू की तैयारी

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