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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती में CBI ने पकड़ी धांधली, अब अफसरों के खिलाफ दर्ज होगी FIR

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रही सीबीआइ को आरओ व एआरओ यानी समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी 2014 भर्ती में काफी गड़बड़ी मिली है। लगभग 50 से अधिक चयनित अभ्यर्थियों के कंप्यूटर प्रमाणपत्र फर्जी मिले हैं। टाइप टेस्ट में फेल अभ्यर्थियों को पास करने, ओएमआर शीट में बदलाव करने के पुख्ता सुबूत मिले हैं। सीबीआइ सारे तथ्यों को एकत्र कर चुकी है। अब भर्ती परीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की तैयारी है। एफआइआर दर्ज करने के बाद पूछताछ की प्रक्रिया तेज की जाएगी।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की 2012 से 2016 तक की भर्ती परीक्षाओं की जांच सीबीआइ कर रही है। अपर निजी सचिव (एपीएस) 2010 में गड़बड़ी मिलने पर तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आइएएस प्रभुनाथ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, साजिश के तहत ठगी और फर्जीवाड़ा की धाराओं में एफआइआर दर्ज की जा चुकी है। अब आरओ व एआरओ 2014 की गड़बड़ी सामने आई है।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आरओ व एआरओ भर्ती का अंतिम परिणाम मई 2016 में जारी किया था। इसके तहत 426 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। परिणाम जारी होने पर अभ्यर्थियों ने भर्ती में व्यापक धांधली होने का आरोप लगाया। लगभग दो दर्जन अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत प्रमाण के साथ सीबीआइ से की थी। नियम विरुद्ध जिन अभ्यर्थियों का चयन हुआ है उनके रोल नंबर भी दिए गए। रविवार को सीबीआइ की टीम ने आयोग जाकर आरओ/एआरओ-2014 की जांच शुरू की तो अभ्यर्थियों की शिकायत सही मिली।

आरओ/एआरओ-2014 में मिली गड़बड़ी

अंकपत्र, प्रमाणपत्र फर्जी मिले हैं।

कंप्यूटर के फर्जी 'ओ' लेवल प्रमाणपत्र पर अभ्यर्थियों का चयन किया गया।

कई अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट में बदलाव करके नंबर बढ़ाया गया है।

कंप्यूटर टाइप टेस्ट में कम स्पीड वालों का चयन किया गया है।

योग्य अभ्यर्थियों को जानबूझ कर कम नंबर दिए गए।

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